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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में फूड प्वाइजनिंग का बड़ा मामला सामने आया है। धनोरा गांव स्थित माता रुक्मणी कन्या आश्रम में भोजन के बाद एक छात्रा की मौत हो गई, जबकि 35 छात्राएं बीमार हैं।
पनीर की सब्जी खाने से हुआ हादसा
रविवार रात माता रुक्मणी कन्या आश्रम, धनोरा में पनीर की सब्जी परोसी गई थी। इसे खाने के बाद कई छात्राएं बीमार पड़ गईं। गंभीर हालत में 27 छात्राओं को जिला अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 9 बच्चियों को आईसीयू में भर्ती किया गया।
मासूम बच्ची की मौत
बीमार छात्राओं में से शिवानी तेलम, जो तीसरी कक्षा की छात्रा थी और तूमनार गांव की निवासी थी, की हालत गंभीर हो गई। इलाज के लिए उसे जगदलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। शिवानी का शव बीजापुर जिला अस्पताल में रखा गया है।
जांच के आदेश और आरोप
- कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित की है।
- उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
आश्रमों में अव्यवस्था की शिकायत
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जिले के आश्रमों में खानपान और व्यवस्था को लेकर पहले भी शिकायतें की जा चुकी हैं। बावजूद इसके विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
पहली बार हुआ ऐसा मामला
माता रुक्मणी सेवा संस्थान बस्तर संभाग में 36 आश्रमों का संचालन करता है। इस संस्थान में फूड प्वाइजनिंग का यह पहला मामला है। संस्थान की ओर से एक टीम को बीजापुर भेजा गया है, जो बीमार छात्राओं के इलाज में मदद कर रही है।
विधायक का आरोप और मांग
विधायक विक्रम मंडावी ने स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था को छात्रा की मौत का कारण बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। साथ ही मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना आश्रमों में बच्चों की सुरक्षा और खानपान व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।