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मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए फार्मर आईडी जरूरी कर दी गई है। लेकिन गुना जिले में किसानों की आईडी बनाने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है।
सिर्फ 6% किसानों की बनी आईडी
गुना जिले में 1,85,286 किसानों की फार्मर आईडी बननी है। लेकिन 9 दिसंबर 2024 तक सिर्फ 12,061 किसानों की ही आईडी बन पाई है, जो कुल किसानों का केवल 6% है। बाकी 94% किसानों की आईडी बनना अभी बाकी है। सर्वर की समस्या के चलते एक दिन में सिर्फ 1-2 आईडी ही बन पा रही हैं।
सर्वर की समस्या बनी बाधा
राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत गांव-गांव में शिविर लगाकर आईडी बनाने का काम किया जा रहा है। लेकिन सर्वर डाउन और ओटीपी संबंधी समस्याओं के कारण काम ठप पड़ा है। किसानों को आधार लिंक, खसरा लिंक और अन्य दस्तावेजों में भी दिक्कत आ रही है।
किसानों की परेशानी
किसान अपने काम छोड़कर दिनभर शिविरों में इंतजार करते हैं, लेकिन आईडी नहीं बन पाती। कई किसानों के दस्तावेजों में नाम मेल नहीं खाते, जिससे समस्या और बढ़ जाती है। पटवारियों और सर्वेयर को भी डेटा अपलोड करने में कठिनाई हो रही है।
फार्मर रजिस्ट्री के फायदे
- पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ बिना किसी रुकावट के मिलेगा।
- फसल पंजीकरण और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर प्रक्रिया आसान होगी।
- बार-बार दस्तावेज सत्यापन की जरूरत नहीं होगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ मिलेगा।
किसानों के लिए अनिवार्य होगी आईडी
जनवरी 2025 से सिर्फ फार्मर आईडी वाले किसानों को ही सम्मान निधि का लाभ मिलेगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपना आधार मोबाइल से लिंक कर नजदीकी CSC सेंटर, पटवारी कार्यालय या एमपी फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराएं।
सरकार और प्रशासन के प्रयास
गुना के एडीएम अखिलेश जैन ने बताया कि अब तक 12 हजार से ज्यादा किसानों की आईडी बन चुकी है। लेकिन सर्वर की समस्या और दस्तावेजों में भिन्नता के कारण काम में देरी हो रही है। प्रयास जारी हैं कि जल्द से जल्द सभी किसानों की आईडी बनाई जा सके।