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तीन दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन
सोमवार दोपहर करीब 3 बजे खेलते हुए आर्यन खुले बोरवेल में गिर गया था। इसके बाद एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। 56 घंटे की कोशिश के बाद बुधवार रात करीब 11:45 बजे आर्यन को बाहर निकाला गया। तुरंत उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने ईसीजी के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
नए तरीके से बचाने की कोशिश
आर्यन को बचाने के लिए कई प्रयास किए गए। पहले दो तरीके कामयाब नहीं होने पर बुधवार को तीसरे तरीके से सुरंगनुमा गड्ढा खोदने का काम शुरू किया गया। पाइलिंग मशीन की मदद से 110 फीट गहराई तक खुदाई की गई, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते काम रुक गया। शाहपुरा से दूसरी मशीन मंगाकर शाम को खुदाई फिर शुरू की गई।
मौके पर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिला कलक्टर देवेंद्र कुमार, एएसपी दिनेश अग्रवाल और अन्य अधिकारी लगातार मौके पर डटे रहे। सांसद मुरारीलाल मीना और कई विधायकों ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
भीड़ और पुलिस की अपील
बच्चे को बचाने की कोशिश देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे। लोग पेड़ों पर चढ़ गए, जिससे बचाव कार्य में रुकावट हुई। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया और बाहरी लोगों को आने से रोकने के लिए चेकपोस्ट लगाए।
आर्यन की मौत ने एक बार फिर खुले बोरवेल की खतरनाक स्थिति को उजागर किया है। प्रशासन और जनता को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।