IAS सुलोचना मीणा की सफलता की कहानी
राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली सुलोचना मीणा ने अपनी मेहनत और आत्म-विश्वास के दम पर पहले प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा क्लियर की। सुलोचना ने 22 साल की उम्र में वह काम कर दिखाया, जो लाखों युवाओं का सपना होता है। सवाईमाधोपुर के आदलवाड़ा गांव की सुलोचना मीणा, अपने गांव की सबसे कम उम्र की IAS अधिकारी बनी हैं।
सफलता के पीछे की कहानी
सुलोचना ने अपनी UPSC तैयारी में हर संभव तरीके से ज्ञान हासिल किया। अखबार, एनसीईआरटी की किताबें, यूट्यूब, टेलीग्राम और मॉक टेस्ट – इन सबका वह हिस्सा थीं। वे रोजाना 8-9 घंटे पढ़ाई करती थीं और अपने लक्ष्य पर अडिग रहीं। उनका मानना था कि “UPSC में शॉर्टकट नहीं होता, मेहनत ही सफलता की कुंजी है।”
पढ़ाई और संघर्ष का दौर
सुलोचना का IAS बनने का सपना बचपन से था। 12वीं के बाद वे दिल्ली चली गईं और दिल्ली विश्वविद्यालय से बॉटनी में बीएससी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही वे सिविल सेवा की तैयारी में जुट गईं, और उनकी मेहनत ही उनकी सफलता का कारण बनी।
कार्यकाल के दौरान सुधार
झारखंड के मेदिनीनगर में एसडीएम सदर के रूप में कार्य करते हुए सुलोचना ने कोर्ट के कामकाज में सुधार किया। उन्होंने कोर्ट की सुनवाई के दिनों को बढ़ाकर लंबित मामलों की संख्या कम की। साथ ही ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर भूमि विवादों के निपटारे में तेजी लाई।