संस्कारधानी में अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से हो रहा है। शहर में 224 अवैध कॉलोनियां बसा ली गई हैं, और यह अनियोजित विकास शहर के लिए समस्या बन गया है। जब जिला प्रशासन ने इन कॉलोनियों पर कार्रवाई शुरू की, तो अवैध कॉलोनियों की लंबी सूची देखकर सभी चौंक गए। इन कॉलोनियों का निर्माण नगर निगम, जेडीए, हाउसिंग बोर्ड और अन्य एजेंसियों के रहते हुआ। सवाल यह है कि इन एजेंसियों ने इतने सालों तक इन कॉलोनियों के निर्माण पर क्यों ध्यान नहीं दिया।
जल्दी अमीर बनने की लालच में खेत की जमीन काटकर बेची गई
कुछ लोग जल्दी अमीर बनने की चाह में खेतों की जमीन खरीदकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बेच रहे हैं। कॉलोनाइजर बिना किसी अनुमति के जलभराव क्षेत्र और पहाड़ी भूमि पर भी कॉलोनियां बना रहे हैं, जिससे शहर की स्थिति और बिगड़ रही है।
पुरवा में अवैध कॉलोनी का निर्माण
पुरवा में कुछ बिल्डरों ने खेतों की जमीन पर अवैध कॉलोनी बना दी। उन्होंने बिना किसी सुविधा के प्लॉट बेच दिए, जैसे सड़क, बिजली, पानी और ड्रेनेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की कोई व्यवस्था नहीं की। नतीजतन, यहां हर बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या आती है।
साठगांठ से बटांकन कर प्लॉट बेचे
कुछ बिल्डरों ने राजस्व विभाग से साठगांठ करके बटांकन कराया और फिर 13 अलग-अलग खसरों में अवैध प्लॉट बेच दिए।
कठौंदा में अवैध कॉलोनी का निर्माण
बिल्डर सुनील कुमार कोष्टा ने कठौंदा में बिना किसी अनुमति के अवैध कॉलोनी बना दी। उन्होंने सस्ते प्लॉट बेचकर कॉलोनी बसी, लेकिन बुनियादी सुविधाएं भी नहीं बनाई, जिससे कॉलोनीवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।