उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने गोसाईगंज प्राइमरी स्कूल के शिक्षक राजेश कुमार चौधरी को ढाई साल से बिना सूचना के गैरहाजिर रहने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया। यह कदम अनुशासनहीनता और लापरवाही के खिलाफ उठाया गया है।
शिक्षा विभाग का बड़ा एक्शन
गोसाईगंज के करहदू प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत राजेश कुमार चौधरी 9 जुलाई 2022 से स्कूल नहीं आए थे। बार-बार नोटिस के बावजूद उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) रामप्रवेश ने इसे गंभीर मानते हुए बर्खास्तगी का आदेश जारी किया।
नोटिस का जवाब और शिक्षक का दावा
- गैरहाजिरी का कारण: राजेश कुमार चौधरी ने अपनी अनुपस्थिति का कारण पारिवारिक समस्याओं को बताया।
- नोटिस का जवाब: उन्होंने कहा कि जुलाई 2022 में उन्होंने खुद को निलंबित करने का आवेदन गोसाईगंज बीईओ कार्यालय में दिया था।
- बीएसए का बयान: बीएसए रामप्रवेश ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए सेवा समाप्त कर दी।
शिक्षा विभाग का सख्त संदेश
शिक्षा विभाग ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करें।
- अनुशासन पर जोर: विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- प्रभाव: शिक्षक की गैरमौजूदगी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई।
अनुशासनहीनता पर कड़ा रुख
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस कार्रवाई से अन्य शिक्षकों को भी यह संदेश दिया है कि अनुशासन और जिम्मेदारी में कोई लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। यह कदम शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।