जयपुर: राजस्थान की राजनीति में एक अहम तस्वीर सामने आई है। बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की।
मुलाकात का महत्व
वसुंधरा राजे ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया, लेकिन राजस्थान की राजनीति में इसे अहम सियासी संकेत के रूप में देखा जा रहा है। लंबे समय बाद दोनों नेताओं की व्यक्तिगत मुलाकात हुई है।
राजे का घटता प्रभाव
बीते कुछ सालों में वसुंधरा राजे का राजनीतिक प्रभाव कम होता दिखा। बीजेपी ने नई पीढ़ी को मौका देते हुए भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाया। इससे स्पष्ट हुआ कि पार्टी राजस्थान में राजे के युग को खत्म मान चुकी है। वे लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में भी सक्रिय नजर नहीं आईं।
मोदी के भाषण में राजे का जिक्र
हाल ही में जयपुर में पीएम मोदी ने एक सभा में वसुंधरा राजे का नाम लिया। उनके इस बयान ने संकेत दिया कि दिल्ली और राजे के बीच की दूरियां कम हो रही हैं।
भैरोंसिंह शेखावत की राह पर राजे?
कभी राजस्थान बीजेपी में भैरोंसिंह शेखावत का दबदबा था। वसुंधरा राजे के आने के बाद उन्हें दिल्ली भेज दिया गया। अब ऐसा माना जा रहा है कि राजे को भी दिल्ली में नई भूमिका दी जा सकती है। उन्हें उपराष्ट्रपति पद का संभावित दावेदार माना जा रहा है।
पुत्र दुष्यंत का करियर
राजे को अपने बेटे दुष्यंत सिंह के राजनीतिक करियर की भी चिंता है। वे झालावाड़-बारां सीट से सांसद हैं। लेकिन राजे और दिल्ली के बीच तल्ख रिश्तों का असर दुष्यंत पर भी पड़ा। अब जब रिश्ते बेहतर हो रहे हैं, तो दुष्यंत को केंद्र में मंत्री पद मिल सकता है।
निष्कर्ष
पीएम मोदी और वसुंधरा राजे की मुलाकात ने राजस्थान की राजनीति में नई संभावनाओं को जन्म दिया है। अब देखना यह होगा कि राजे को दिल्ली में क्या भूमिका मिलती है और इसका राजस्थान की राजनीति पर क्या असर होता है।