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महाकुंभ 2025 के आयोजन को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए पुलिस ने अखाड़ा क्षेत्र में रात 2 बजे मॉक ड्रिल (अभ्यास) आयोजित किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और अन्य बचाव दलों के बीच बेहतर समन्वय बनाना था।
मॉक ड्रिल के मुख्य बिंदु:
- आपातकालीन अलार्म सक्रिय करना: अभ्यास में आपात स्थिति में अलार्म सिस्टम को सक्रिय किया गया।
- निकासी प्रक्रिया: निकासी के दौरान रास्तों और कर्मचारियों के कार्य को अभ्यास किया गया।
- अग्नि सुरक्षा उपकरणों का परीक्षण: आग बुझाने के उपकरणों की कार्यक्षमता का परीक्षण किया गया।
- भीड़ प्रबंधन और बचाव: बड़ी भीड़ को सुरक्षित तरीके से निकालने और बचाव की प्रक्रियाओं को समझाया गया।
प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति: इस अभ्यास की निगरानी पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) वैभव कृष्ण और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने की। इस दौरान अन्य सुरक्षा कर्मी भी मौजूद थे।
आधुनिक उपकरणों का उपयोग: इस अभ्यास में अग्नि सुरक्षा उपकरण, निकासी वाहनों और आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों का उपयोग किया गया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा: मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करना था। इसके साथ ही अग्नि सुरक्षा उपकरणों का उपयोग और कर्मचारियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया गया।
सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास: महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालु आएंगे, और इसे सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा योजना तैयार की है। इसमें भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अभ्यास और सुरक्षा उपकरणों की निरंतर जांच शामिल है।
आगे की योजना:
- अधिक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएंगी।
- सुरक्षा कर्मियों को अत्याधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की योजना को और मजबूत किया जाएगा।
यह मॉक ड्रिल महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए प्रशासन और पुलिस की तैयारियों को दर्शाता है।