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इस सप्ताह की शुरुआत में नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद गुरुवार दोपहर 3 बजे तक 1,211 झटके महसूस किए गए। क्षेत्रीय भूकंप ब्यूरो के अनुसार, सबसे बड़ा झटका 4.4 तीव्रता का था, जो भूकंप के केंद्र से 18 किलोमीटर दूर आया। 33 झटकों की तीव्रता 3 से अधिक रही।
126 लोगों की मौत:
मंगलवार को आए इस भूकंप में 126 लोगों की मौत हो गई और 188 लोग घायल हुए। अब तक 407 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। चीन की रेड क्रॉस सोसाइटी ने राहत सामग्री भेजी है, जिसमें टेंट, रजाई और फोल्डिंग बेड जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। इसके साथ ही, 50 से अधिक बचावकर्मी भी प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
भारत में असर:
भूकंप का असर भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किया गया। बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली-एनसीआर में झटके महसूस किए गए, जिससे लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, भारत में किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप का केंद्र:
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने बताया कि भूकंप का केंद्र नेपाल की सीमा के पास शिजांग (तिब्बत) क्षेत्र में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा पर लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था।
भूकंप से प्रभावित क्षेत्र:
- नेपाल के शिगात्से क्षेत्र में कई घर ढह गए।
- भारत में बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली-एनसीआर में झटके महसूस किए गए।
- लोबुचे काठमांडू से 150 किलोमीटर पूर्व और एवरेस्ट बेस कैंप के पास स्थित है।
भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन बार-बार आ रहे झटकों से लोग डरे हुए हैं।