छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में महापौर पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में संभावित प्रत्याशियों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि, अब तक इन दलों में अधिकृत तौर पर कोई बैठक या विचार-विमर्श नहीं हुआ है, लेकिन दावेदारों के नामों पर सक्रियता बढ़ गई है।
महापौर पद के लिए सक्रियता
पिछड़ा वर्ग के नेता, पूर्व पार्षद और सभापति दावेदारी के लिए आगे आ रहे हैं।
कई दावेदार अपनी पत्नी का नाम भी महापौर पद के लिए पेश कर रहे हैं।
प्रत्याशियों के चयन में संगठन, लोकप्रियता और जनता के बीच सक्रियता को प्राथमिकता दी जाएगी।
चुनाव प्रक्रिया
कांग्रेस:
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की तर्ज पर इच्छुक दावेदारों से आवेदन मंगवाए हैं।
आवेदन 10 से 12 जनवरी तक सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कांग्रेस कार्यालय या ब्लॉक अध्यक्षों के पास जमा किए जा सकते हैं।
भाजपा:
भाजपा जिला कोर ग्रुप की बैठक के बाद प्रत्याशियों के नाम तय कर प्रदेश कमेटी को भेजेगी।
प्रदेश कमेटी ही अंतिम निर्णय करेगी।
संभावित दावेदारों के नाम
भाजपा से:
पूर्व कार्यकारी महापौर विनोद सोनी
पूर्व सभापति अशोक विधानी (अपनी पत्नी पूजा विधानी का नाम भी आगे कर सकते हैं)
पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत
पूर्व महापौर किशोर राय
पार्षद विजय ताम्रकार और दुर्गा सोनी
कांग्रेस से:
महापौर रामशरण यादव
पूर्व पार्षद त्रिलोक श्रीवास (उनकी पत्नी स्मृति श्रीवास भी सक्रिय हैं)
शैलेन्द्र जायसवाल
भरत कश्यप
भास्कर यादव
पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद नायक
भाजपा की रणनीति
भाजपा निकाय चुनावों के लिए जल्द ही अलग-अलग समितियां बनाएगी।
भूपेंद्र सवन्नी और सौरभ सिंह पर इसकी जिम्मेदारी होगी।
समितियां प्रत्याशियों के नामों का पैनल प्रदेश संगठन को भेजेंगी।
दोनों दलों में अंतिम निर्णय हाईकमान और चुनाव कमेटी द्वारा लिया जाएगा, लेकिन स्थानीय वरिष्ठ नेताओं की सलाह को भी महत्व दिया जाएगा।