मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी और पुरानी भर्ती प्रक्रिया में लगने वाले लंबे समय को देखते हुए मेडिकल बोर्ड की स्थापना की योजना बनाई जा रही है।
39 हजार पद खाली
मध्यप्रदेश में फिलहाल डॉक्टरों के 39 हजार पद खाली हैं। प्रदेश में 1460 मरीजों पर सिर्फ 1 डॉक्टर है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 1000 व्यक्तियों पर 1 डॉक्टर होना चाहिए। इस समस्या को हल करने और भर्ती प्रक्रिया तेज करने के लिए तेलंगाना और असम की तरह मध्यप्रदेश में भी मेडिकल बोर्ड बनाया जाएगा।
डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने कहा है कि मेडिकल बोर्ड के जरिए डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती आसान और तेज होगी। ऑनलाइन आवेदन, मेरिट लिस्ट और अन्य प्रक्रिया के जरिए केवल 15 दिनों में नियुक्ति पूरी की जाएगी।
सीएम के फैसले का इंतजार
मेडिकल बोर्ड की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री मोहन के अंतिम फैसले का इंतजार है। यह बोर्ड खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में मदद करेगा। नियुक्ति प्रक्रिया मेडिकल बोर्ड के सदस्य तय करेंगे।