Related Articles

नए साल में शेखावाटी के प्रसिद्ध मीठे प्याज के थोक भाव गिरकर 10 से 16 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। इसके पीछे कारण बुवाई का अधिक होना और मौसम की स्थिति सही रहना बताया जा रहा है। अब मंडियों में नए प्याज आने लगे हैं, जिससे कीमतों में यह गिरावट देखी जा रही है।
प्याज की बुवाई और उत्पादन
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सीकर जिले में हर साल करीब 20,000 हेक्टेयर में प्याज की बुवाई होती है, और इसका औसतन उत्पादन लगभग 3.5 लाख मीट्रिक टन होता है।
किसान की लागत और दाम में गिरावट
किसानों का कहना है कि शेखावाटी की जलवायु में प्याज की खेती पर एक एकड़ में लगभग 1 लाख रुपये से ज्यादा लागत आती है। एक एकड़ से औसतन 16 रुपये प्रति किलो की लागत आती है। ऐसे में इस समय प्याज के दाम गिरने से किसानों को नुकसान हो सकता है।
किसानों के लिए चिंता और उपभोक्ताओं के लिए राहत
इस समय प्याज की कीमत में गिरावट किसानों के लिए चिंता का कारण बन सकती है, क्योंकि सीजन के दौरान उन्हें अपनी लागत निकलने में परेशानी हो सकती है। हालांकि, उपभोक्ताओं के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि अब उन्हें सस्ते दाम पर प्याज मिल रहा है।
मंडी में प्याज की आवक
सीकर और रसीदपुरा मंडी में रोजाना करीब 3,000 बोरी प्याज आ रही है। इससे प्याज के दाम में गिरावट आई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है, लेकिन किसान इससे प्रभावित हो सकते हैं। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस स्थिति में किसानों की मदद के लिए कदम उठाने की जरूरत है।