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राजस्थान सरकार ने मनरेगा कार्यों में फर्जीवाड़े को रोकने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नया मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एमएमएस) लागू किया है। इस नए सिस्टम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे काम की गुणवत्ता में सुधार होगा।
नए सिस्टम की विशेषताएं:
- आई ब्लिंक अनिवार्य: अब मनरेगा में श्रमिकों की उपस्थिति केवल तब ही दर्ज होगी जब उनके आंखों की पलक झपकेगी। अगर ऐसा नहीं होता, तो उनकी फोटो अपलोड नहीं हो पाएगी। इससे किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।
- एवजी मेट की रोकथाम: पहले मनरेगा में कई जगहों पर एवजी मेट का इस्तेमाल होता था, लेकिन अब नए सिस्टम के तहत ऐसा नहीं हो सकेगा। मेट केवल उसी काम में उपस्थिति ले सकेगा, जिसे उसे आवंटित किया गया है।
- फोटो और उपस्थिति की सटीकता: मेट द्वारा उपस्थिति दर्ज करते समय जो फोटो क्लिक की जाएगी, उसमें मौजूद श्रमिकों के सिर की संख्या एप के माध्यम से गिनी जाएगी। अगर फोटो में उपस्थिति और सिर की संख्या में कोई अंतर हुआ, तो फोटो सेव नहीं होगी।
- ई-माप पुस्तिका का लागू होना: अगले पखवाड़े से मनरेगा कार्यों में ई-माप पुस्तिका लागू की जाएगी। यह सिस्टम ऑनलाइन होगा और इससे काम में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
सरकारी आदेश:
राजस्थान सरकार ने शुक्रवार से प्रदेशभर में मनरेगा कार्यस्थलों पर इस नए एमएमएस सिस्टम को लागू कर दिया है। इसके तहत मेट को केवल वही कार्य सौंपा जाएगा, जो उसे आवंटित किया गया हो, और वह किसी अन्य काम में गड़बड़ी नहीं कर पाएगा।
इस नई व्यवस्था से मनरेगा में फर्जीवाड़ा रोका जाएगा और श्रमिकों की उपस्थिति की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।