राजस्थान में अब शिक्षक सम्मेलनों के नाम पर शिक्षकों को दो दिन की छुट्टी नहीं मिल सकेगी। शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है जिसमें शैक्षिक सम्मेलनों में शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
नया आदेश: शिक्षक संघों को 17 और 18 जनवरी को होने वाले प्रदेश स्तरीय सम्मेलन की वीडियोग्राफी करवाने और तीन दिन के भीतर इसे अपलोड करने का आदेश दिया गया है। साथ ही सम्मेलन में उपस्थित सभी शिक्षकों का पंजीकरण और उपस्थिति विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
वार्ता में उठे मुद्दे: कुछ समय पहले शिक्षा विभाग और शिक्षक संघों के बीच वार्ता हुई थी, जिसमें सम्मेलनों में कम उपस्थिति का मुद्दा उठाया गया था। इस नए आदेश के बाद अब उन शिक्षकों को परेशानी हो सकती है जो शैक्षिक सम्मेलनों के बहाने छुट्टी मनाते थे। शिक्षा विभाग ने इन सम्मेलनों की वीडियोग्राफी करवाने के लिए डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) को अधिकृत किया है।
पहले और अब: पहले, प्रांत स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन में 20,000 से 30,000 शिक्षक हिस्सा लेते थे, लेकिन जब से उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त की गई है, तब से शिक्षकों की उपस्थिति घटकर केवल 5,000 से 7,000 तक सीमित रह गई है, जबकि राज्य में कुल शिक्षकों की संख्या 4 लाख से अधिक है।
सम्मेलन का उद्देश्य छुट्टी: विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिक्षक इन सम्मेलनों को अक्सर छुट्टी के रूप में मानते हैं। शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी और सक्रिय सदस्य ही इन सम्मेलनों में हिस्सा लेते हैं, और दूसरे दिन अधिकांश संगठन केवल बैठक करके सम्मेलन समाप्त कर देते हैं। अब सरकार वीडियोग्राफी के जरिए इन सम्मेलनों की वास्तविकता का पता लगाने की कोशिश कर रही है।