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महू में सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि भागवत का यह कहना कि देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को नहीं मिली, सीधे तौर पर संविधान पर हमला है। राहुल ने कहा, “अगर संविधान खत्म हो गया, तो दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ नहीं बचेगा।”
राहुल का जोर संविधान पर:
राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत महापुरुषों और संविधान का जिक्र करते हुए की। 32 मिनट के भाषण में उन्होंने सबसे ज्यादा बार “संविधान” शब्द का इस्तेमाल किया। रोजगार, जीएसटी, पेट्रोल के दाम, निजीकरण, नोटबंदी, जातिगत जनगणना और बजट जैसे मुद्दों पर बोलते हुए उन्होंने संविधान की प्रति दिखाकर इसके महत्व पर जोर दिया।
खरगे का आह्वान:
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “गरीबों को उनके अधिकार संविधान से मिलते हैं, इसे बचाना है। अगर जिंदा रहना है तो लड़ना होगा, तभी सब कुछ मिलेगा।”
कांग्रेस नेताओं की बातें:
- जीतू पटवारी (प्रदेश अध्यक्ष): प्रदेश में कर्ज, क्राइम, करप्शन और कमीशन की सरकार है। माफिया हावी है।
- जितेंद्र सिंह (प्रदेश प्रभारी): भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती है। प्रदेश में कांग्रेस मजबूत है और सरकार बनाएगी।
- उमंग सिंगार (नेता प्रतिपक्ष): भाजपा सदन में जवाब देने से बचती है और जनता को भ्रमित कर लूट रही है।
सभा में हंगामा:
राहुल गांधी के भाषण के बाद मल्लिकार्जुन खरगे जैसे ही मंच पर आए, कुछ कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे। खरगे को उन्हें मंच से चुप कराने की कोशिश करनी पड़ी।
प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति:
सभा में प्रियंका गांधी को शामिल होना था, लेकिन वे ऐन वक्त पर नहीं आ सकीं। अन्य राष्ट्रीय और प्रदेश के नेता मंच पर मौजूद रहे।
कौन-कौन रहा मौजूद:
इस आयोजन में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सचिन पायलट, रणदीप सिंह सुरजेवाला, पवन खेड़ा और कई अन्य नेता मौजूद थे।
सभा में कांग्रेस ने संविधान की रक्षा और भाजपा के खिलाफ अपनी मजबूत स्थिति का संदेश दिया।