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राजस्थान में बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम के सेकेंड और थर्ड सेमेस्टर के पेपर 23, 24 और 25 जनवरी को आयोजित किए गए थे। लेकिन ये पेपर लीक हो गए, जिसके बाद इन्हें रद्द कर दिया गया है।
पेपर लीक की घटना
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के इन पेपर्स के लीक होने की सूचना मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी। पांच संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बताया गया कि कुछ छात्रों को हाथ से लिखे प्रश्नों की कॉपियां मिल गई थीं। इस मामले में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।
पहले भी हुआ था नकल गिरोह का भंडाफोड़
इससे पहले जयपुर पुलिस ने नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन में भर्ती परीक्षा के दौरान नकल करवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। उस समय 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
सरकार और प्रशासन की विफलता
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह घटना सरकार और प्रशासन की नाकामी को दिखाती है। पेपर लीक की जानकारी 24 जनवरी को प्रशासन को मिल गई थी, लेकिन 48 घंटे तक पुलिस को सूचना नहीं दी गई। यह लापरवाही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का संकेत देती है।
जूली ने कहा, “यह केवल एक पेपर लीक का मामला नहीं है, बल्कि लाखों छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ है। सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है।”
डोटासरा का सरकार पर हमला
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नकल माफिया पर लगाम लगाने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि “भाजपा ने पारदर्शिता और शिक्षा सुधार के वादे किए थे, लेकिन इन घटनाओं से साबित होता है कि सरकार इन मुद्दों पर गंभीर नहीं है।”
डोटासरा ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह नकल गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में नाकाम रही है और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
छात्रों और परिवारों का सवाल
राजस्थान के लाखों छात्रों और उनके परिवारों का सवाल है कि पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार कब सख्त कदम उठाएगी। जनता को जवाब चाहिए, और सरकार को इन घटनाओं के दोषियों पर कार्रवाई करनी होगी।