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आरईआरसी का नया फैसला
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरईआरसी) ने आगामी 1 अप्रैल 2025 से अगले 5 साल के लिए विद्युत टैरिफ विनियम-2025 लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। इसमें कोयला और बिजली खरीद एडजस्टमेंट चार्ज शामिल है, जो सभी उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा।
जनता के सुझाव खारिज
आरईआरसी ने इस टैरिफ ड्राफ्ट को 27 नवंबर 2024 को जारी किया था और 27 दिसंबर 2024 तक उपभोक्ताओं से सुझाव मांगे थे। 41 संस्थाओं ने अपने सुझाव दिए, लेकिन इनमें से अधिकांश जनहित के सुझाव खारिज कर दिए गए।
बढ़ेगी बिजली की लागत
नए आदेश में यूल सरचार्ज (ईंधन व बिजली खरीद समायोजन अधिभार) की सीमा 15% से बढ़ाकर 20% कर दी गई है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं और उद्योगों पर पड़ेगा। पहले यह चार्ज तिमाही आधार पर लिया जाता था, लेकिन अब इसे मासिक आधार पर वसूला जाएगा।
यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज
- यह चार्ज बिजली खरीद और ईंधन की कीमत में बदलाव के कारण लगाया जाएगा।
- डिस्कॉम को यह चार्ज बिना किसी सुनवाई के लगाने की अनुमति दी गई है।
- 20% से अधिक चार्ज को 3 महीने तक आगे बढ़ाया जा सकता है।
- अगले टैरिफ साइकल या एक साल में इसे वसूलना होगा, जिस पर बैंक का ब्याज लगेगा।
- 5% तक का चार्ज स्वत: वसूला जाएगा। 5% से अधिक की राशि का 90% भी वसूला जा सकेगा।
विशेषज्ञों की राय
ऊर्जा सलाहकार इंजीनियर वाई.के. बोलिया का कहना है कि कोयले की बढ़ती कीमत और बिजली खरीद की उच्च लागत उपभोक्ताओं के लिए नुकसानदायक है। 20% तक बढ़ोतरी अनुचित है और उद्योगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनेगी। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इस चार्ज को वार्षिक टैरिफ में जोड़ा जाए और पूरे साल एक समान दर से बिलिंग की जाए।
निष्कर्ष
यह नया टैरिफ आदेश उपभोक्ताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसका प्रभाव आम जनता और उद्योगों पर पड़ने की संभावना है।