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बरेली: रिश्वत लेकर स्मैक तस्करों को छोड़ने के मामले में फरार चल रहे फरीदपुर थाने के पूर्व इंस्पेक्टर रामसेवक को स्पेशल जज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। अब उनकी स्थायी जमानत पर 5 फरवरी को सुनवाई होगी।
9 लाख रुपये में हुआ था सौदा
21 अगस्त की रात इंस्पेक्टर रामसेवक ने स्मैक तस्कर आलम, नियाज अहमद और अशनूर को हिरासत में लिया था। लेकिन, बिना किसी कार्रवाई के 9 लाख रुपये में सौदा तय कर उन्हें छोड़ दिया। तस्करों से 7 लाख रुपये मिलने के बाद आलम और नियाज को छोड़ दिया गया।
बाद में एसपी साउथ ने इंस्पेक्टर के घर छापा मारा, जहां से 9.85 लाख रुपये बरामद हुए। छापे के दौरान रामसेवक अपनी सरकारी पिस्टल और 10 कारतूस लेकर दीवार कूदकर फरार हो गया।
इंस्पेक्टर के वकील ने बीमारी का दिया तर्क
रामसेवक पर फरीदपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने हाईकोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज केस को गलत बताते हुए उसे रद्द करने की अर्जी दी।
बुधवार को वकील के जरिए कोर्ट में अंतरिम और स्थायी जमानत के लिए आवेदन दिया गया। रामसेवक बीमारी की हालत में कोर्ट पहुंचा और उसे ड्रिप लगी हुई थी। वकील ने कोर्ट में डॉक्टर की रिपोर्ट पेश करते हुए उसकी गंभीर बीमारी का तर्क दिया।
इसके आधार पर कोर्ट ने फिलहाल उसे अंतरिम जमानत दे दी है। अब 5 फरवरी को उसकी स्थायी जमानत पर सुनवाई होगी।