दुर्ग के जिला अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में हर दिन 1200 से 1500 ओपीडी मरीज आते हैं, जिनमें से सिर के हिस्से से जुड़ी बीमारियों के लिए 5-6 मरीज होते हैं। लेकिन, एक ही एनेस्थीसीया मशीन के कारण डॉक्टर सभी मरीजों का इलाज नहीं कर पाते हैं।
इस मशीन का उपयोग ऑपरेशन के दौरान मरीज को बेहोश करने के लिए किया जाता है। यह मशीन माइक्रोस्कोप और वेंटिलेटर के साथ सेट होती है, और इलाज में मदद करती है। डॉक्टर इसके माध्यम से दो केस को एक साथ हैंडल कर सकते हैं। लेकिन, अस्पताल में केवल एक ही मशीन है, जबकि कम से कम दो और मशीन की जरूरत है। एक एनेस्थीसीया मशीन की कीमत लगभग 15 से 20 लाख रुपये तक है।
अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में मरीजों को इलाज की आवश्यकता होती है, लेकिन एक ही मशीन के कारण डॉक्टर केवल सबसे गंभीर स्थिति वाले मरीजों का ही इलाज कर पाते हैं। अन्य मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेज दिया जाता है। पिछले 6 महीनों में अलग-अलग डिपार्टमेंट में केवल 150 मरीजों का ही ऑपरेशन किया जा सका है।