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छत्तीसगढ़ के नगर निगम चुनाव में इस बार ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग हो रहा है। मतदाता महापौर और पार्षद के लिए ईवीएम से वोट करेंगे। मतदान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए वार्डों में मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए गए हैं, जो लोगों को ईवीएम के सही उपयोग के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
ईवीएम से मतदान की प्रक्रिया
- इस बार ईवीएम मशीन में दो पदों (महापौर और पार्षद) के लिए वोटिंग होगी।
- पहले महापौर पद के उम्मीदवारों के नाम दिखेंगे, फिर पार्षद पद के।
- मतदान तब तक पूरा नहीं माना जाएगा, जब तक मतदाता दो बटन नहीं दबाता।
- अगर कोई सिर्फ एक पद पर वोट डालता है, तो उसे दूसरा बटन (नोटा या एंड) भी दबाना होगा।
पिछले चुनाव में भी हुई थी यही गलती
2014 में जब ईवीएम से वोटिंग हुई थी, तब कई मतदाता सिर्फ एक पद पर वोट डालकर चले गए थे। इस बार ऐसी गलती न हो, इसलिए प्रशासन पहले से ही लोगों को ईवीएम का सही उपयोग सिखा रहा है।
कैसे काम करेगी ईवीएम?
- पहले महापौर के उम्मीदवारों के नाम होंगे, फिर नोटा का विकल्प होगा।
- इसके बाद पार्षद उम्मीदवारों के नाम होंगे, फिर नोटा का विकल्प।
- सबसे आखिरी में एंड बटन होगा।
- पहले वोट डालते ही हल्की कट की आवाज आएगी, और दूसरा बटन दबाने पर लंबी बीप सुनाई देगी।
अगर किसी को वोट नहीं देना चाहते तो?
- अगर मतदाता किसी को वोट नहीं देना चाहता, तो वह नोटा और एंड बटन दबा सकता है।
- यदि वह सिर्फ एक बटन दबाता है और दूसरा नहीं, तो पीठासीन अधिकारी को ईवीएम फिर से चालू करनी होगी।
बुजुर्ग और कम पढ़े-लिखे मतदाताओं पर विशेष ध्यान
- मास्टर ट्रेनर बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया समझाने में विशेष ध्यान दे रहे हैं।
- राजनीतिक दल भी डमी ईवीएम से लोगों को सिखा रहे हैं ताकि एक भी वोट खराब न हो।
कुछ वार्डों में दो मशीनें लगेंगी
शहर के वार्ड क्रमांक 34 और 44 में पार्षद प्रत्याशियों की संख्या अधिक होने के कारण दो मशीनों का उपयोग किया जाएगा। यहां मतदाताओं को भ्रमित होने से बचाने के लिए मास्टर ट्रेनर विशेष जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
इस बार मतदाता ईवीएम का सही उपयोग करें और अपना कीमती वोट सोच-समझकर डालें!