Breaking News

जयपुर में घटती मिनी बसें: पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत खराब

जयपुर शहर में मिनी बसों की संख्या तेजी से घट रही है। जहां पहले 3,500 मिनी बसें रोजाना लाखों यात्रियों को सफर कराती थीं, अब इनकी संख्या सिर्फ 800 रह गई है। इससे लोग कैब और निजी वाहनों पर निर्भर हो गए हैं।

बसें कम, परेशानी ज्यादा

  • लो-फ्लोर बसें और मिनी बसें बाहरी इलाकों तक नहीं पहुंच रहीं
  • लोग कैब और ऑटो जैसी महंगी सेवाओं का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं।
  • सरकार ने मिनी बसों के नए रूट नहीं खोले, जिससे यह समस्या और बढ़ी है।

2006 से अब तक क्या बदला?

  • 2006 में 43 रूटों पर मिनी बसें चलाई गईं, जो अब भी जारी हैं।
  • पहले 50,000 लोग रोजाना मिनी बसों से सफर करते थे, लेकिन अब बसें घटने से यात्रियों को परेशानी हो रही है।
  • शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए 3,000 बसों की जरूरत है, लेकिन कोई नई बसें नहीं आईं।

मिनी बसों की हालत खराब

  • जो 800 मिनी बसें बची हैं, उनमें से आधी खराब हालत में हैं
  • सरकार ने नए रूट या ई-रिक्शा सेवाओं को भी विकसित नहीं किया
  • केवल 500 मिनी बसें ही ठीक से चल रही हैं

लो-फ्लोर बसों की संख्या घटी

  • 2013 में 400 लो-फ्लोर बसें थीं, अब सिर्फ 200 बसें बची हैं
  • इससे यात्रियों को आधे घंटे तक बस का इंतजार करना पड़ता है।

सरकारी लापरवाही के कारण हालात बिगड़े

सरकार और परिवहन विभाग ने न तो नई बसें जोड़ीं और न ही पुराने रूटों में सुधार किया। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो जयपुर में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह खत्म हो सकता है, जिससे शहर में यातायात और प्रदूषण की समस्या और बढ़ जाएगी। 🚍🚦

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?