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अवैध प्लॉटिंग पर प्रशासन की अनदेखी, भूमाफिया बिना अनुमति बेच रहे प्लॉट

खेरली: क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग का धंधा जोरों पर है। राजस्व विभाग और प्रशासन की अनदेखी के कारण भूमाफिया बिना भू-रूपांतरण (कृषि भूमि को आवासीय में बदलने) के ही कॉलोनियां बसा रहे हैं। ये लोग बोर्ड लगाकर खुलेआम प्लॉट खरीदने का निमंत्रण दे रहे हैं।

कैसे हो रही है अवैध प्लॉटिंग?

भूमाफिया पहले किसानों से ऊंची कीमत पर कृषि भूमि खरीदते हैं। फिर बिना सरकारी अनुमति के उस पर सड़कें बनाकर प्लॉट बेच देते हैं। यह प्रक्रिया नियमों के खिलाफ है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा।

सरकार को भी हो रहा नुकसान

  • बिना अनुमति प्लॉटिंग करने से सरकार को राजस्व की हानि हो रही है।
  • आरोप है कि इस धंधे में कुछ विभागीय कर्मचारी भी शामिल हैं।
  • नियमानुसार, कृषि भूमि को पहले आवासीय में बदलना जरूरी होता है, लेकिन इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा।

कहां-कहां हो रही है अवैध प्लॉटिंग?

अवैध प्लॉटिंग शेड के मंढ से सौंखर रोड, कब्रिस्तान के पास, बड्डी की पोखर, रामपुरा रोड, डोरौली रोड, रेल लाइन के पास, कुट्टीन रोड, समूची रोड, कठूमर रोड, नत्थी की ढाणी, खेरली रेल, पीतमपुरा श्मशान के पास सहित कई जगहों पर हो रही है।

पीतमपुरा बांध के बहाव क्षेत्र में भी अवैध प्लॉटिंग जारी है, जिससे पुलिया तक अवरुद्ध हो गई है। इस पर भी अधिकारियों ने अब तक कोई निरीक्षण नहीं किया।

शिकायतों पर नहीं होती कार्रवाई

अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजे जाते हैं, लेकिन वे 91 की कार्रवाई (अवैध अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया) का हवाला देकर जिम्मेदारी से बचते हैं। शिकायतें उपखंड कार्यालय में पहुंचकर रद्दी बन जाती हैं, जिससे भूमाफियाओं के हौसले और बढ़ रहे हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

नायब तहसीलदार, दिनेश मीणा: “अवैध प्लॉटिंग वाले स्थानों की पहचान कर ली गई है। पटवारियों को रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल, प्लॉट की रजिस्ट्रियां बंद कर दी गई हैं।”

एसडीएम, श्यामसुंदर चेतीवाल: “30-35 फाइलों पर कार्रवाई चल रही है और स्टे लगाया गया है। आगे भी बिना भू-रूपांतरण की जा रही प्लॉटिंग पर कार्रवाई होगी। मैं खुद मौके का निरीक्षण करूंगा।”

निष्कर्ष

अवैध प्लॉटिंग पर प्रशासन की लापरवाही के कारण यह धंधा बढ़ता जा रहा है। इससे न सिर्फ आम लोग प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि सरकार को भी भारी राजस्व नुकसान हो रहा है। प्रशासन को सख्त कदम उठाकर इस पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।

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