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प्रयागराज महाकुंभ 2025 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे जयवर्धन सिंह के साथ संगम में स्नान किया। स्नान के बाद दिग्विजय सिंह ने भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं के लिए प्रार्थना की और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहराया। उनके इस बयान से मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप
- मंत्री विश्वास सारंग ने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा, “गंगा नहाना अच्छी बात है, लेकिन कर्म नहीं बदले।”
- कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने पलटवार करते हुए कहा, “भाजपा को पहले खुद सात्विकता सीखनी चाहिए, क्योंकि वे दिनभर गालियां देते हैं।”
क्या कहा दिग्विजय सिंह ने?
- दिग्विजय सिंह ने कहा, “कुंभ स्नान मेरी आस्था है, राजनीति नहीं। मैं पहले भी 3 बार कुंभ में आ चुका हूं। इस बार भी मां गंगा के प्रति आस्था के कारण आया हूं।”
- उन्होंने भगदड़ पर कहा, “जब 40 करोड़ लोगों के आने की तैयारी थी, तो अव्यवस्था कैसे हुई?”
- उन्होंने सुझाव दिया कि इतने बड़े आयोजन में वीआईपी व्यवस्थाएं कम होनी चाहिए, क्योंकि इससे अव्यवस्था बढ़ती है।
क्यों गरमाई राजनीति?
कुंभ में नेताओं की आवाजाही और बयानों से बीजेपी और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ गई है। दोनों दल एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं।
महाकुंभ में दिग्विजय सिंह के स्नान और बयानों के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां और तेज हो गई हैं।