नई दिल्ली: साल 2025 की शुरुआत में विदेशी निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से 1 लाख करोड़ रुपये की बड़ी रकम निकाल ली है। फरवरी में अब तक 21,272 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जा चुके हैं।
जनवरी से जारी है बिकवाली
- जनवरी 2025 में विदेशी निवेशकों ने 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
- फरवरी 10 से 14 के बीच ही 13,930 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई।
- दिसंबर 2024 में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश था, लेकिन अब लगातार बिकवाली जारी है।
क्यों हो रही है विदेशी निवेशकों की बिकवाली?
- अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी: अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर जा रहे हैं।
- भू-राजनीतिक तनाव: रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में तनाव से बाजार अस्थिर हैं।
- डोनाल्ड ट्रंप की वापसी: अमेरिका में ट्रंप की वापसी से निवेशक अमेरिकी बाजार की ओर बढ़ रहे हैं।
- विकसित बाजारों की ओर रुझान: निवेशक अब भारत जैसे उभरते बाजारों से पैसा निकालकर विकसित बाजारों में लगा रहे हैं।
भारतीय बाजार पर असर
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बैंकिंग, आईटी और मेटल सेक्टर पर दबाव बढ़ गया है।
- बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है अगर बिकवाली जारी रही।
- घरेलू निवेशक (DII) बाजार को कुछ हद तक संभाल रहे हैं।
आगे क्या होगा?
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर फैसले से बाजार पर असर पड़ेगा।
- भारत की आर्थिक मजबूती और निवेशकों के लिए सरकार की नीतियां विदेशी निवेश को प्रभावित करेंगी।
- अगर सरकार निवेशकों के लिए बेहतर नीतियां लाती है, तो विदेशी निवेशक दोबारा भारतीय बाजार में लौट सकते हैं।
सावधानी जरूरी
2025 की शुरुआत में विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली ने भारतीय बाजार को झटका दिया है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहना होगा और भारतीय कंपनियों और सरकार को बाजार को संभालने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।