छतरपुर: जिला अस्पताल में हाल ही में स्थापित की गई नई ईको कार्डियोग्राफी मशीन बंद पड़ी है, जिसके कारण हृदय रोगियों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। इस मशीन का सही तरीके से उपयोग करने के लिए डॉक्टरों को अब तक कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है, जिससे मरीजों को इलाज के लिए अन्य शहरों का रुख करना पड़ रहा है।
ईको कार्डियोग्राफी मशीन का महत्व
यह मशीन दिल की जांच के लिए उपयोग की जाती है, जिससे हृदय के वाल्व, चेंबर और पंपिंग कार्यों की स्थिति का पता चलता है। इसके द्वारा दिल की समस्याओं जैसे वाल्व की समस्या, मांसपेशियों में क्षति और ट्यूमर का पता चलता है। यह मशीन हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों के मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते हैं
हर साल सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। छतरपुर में ऐसे मामलों की संख्या 350 से ज्यादा होती है, जिससे इस मशीन का होना बेहद जरूरी था। लेकिन यह मशीन बंद रहने से मरीजों को ग्वालियर और झांसी जैसे शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है, जिससे उनका समय और पैसा दोनों खर्च हो रहे हैं।
मशीन का इंस्टॉलेशन और ट्रेनिंग की कमी
चार महीने पहले 23 नवंबर 2024 को इस मशीन को अस्पताल में इंस्टॉल किया गया था। डॉक्टरों को इस मशीन का उपयोग करने के लिए ट्रेनिंग दी जानी थी, लेकिन अब तक किसी भी डॉक्टर को ट्रेनिंग नहीं दी गई है, जिससे मशीन बंद पड़ी है।
युवाओं में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा
हाल के समय में युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी आई है। खासकर धूम्रपान और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण यह खतरा बढ़ रहा है।
डॉक्टरों की ट्रेनिंग की प्रक्रिया
सीएस जिला अस्पताल, डॉ. जीएल अहिरवार ने बताया कि ईको और टीएमटी जांच की ट्रेनिंग के लिए जिला अस्पताल के 6 डॉक्टरों को भोपाल भेजा जा रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए, यदि डॉक्टरों को जल्दी से ट्रेनिंग मिलती है, तो हृदय रोगियों को स्थानीय स्तर पर इलाज मिल सकेगा।