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झुंझुनूं में क्यों नहीं खुल रहा राजस्थान का पहला खेल विश्वविद्यालय?

राजस्थान में खेल विश्वविद्यालय की पहली घोषणा झुंझुनूं के लिए की गई थी, और यहां दोरासर गांव में विश्वविद्यालय के लिए जमीन भी तय कर ली गई थी। इस जगह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान और कई खेल अकादमियां हैं। इसके बावजूद, अब तक खेल विश्वविद्यालय का सपना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा है।

राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने दो बार इस घोषणा को किया, वहीं भाजपा सरकार ने नाम में बदलाव किया, लेकिन कुछ भी धरातल पर नहीं आया। सरकार में बैठे लोग केवल वेतन और भत्ते उठाते रहे, लेकिन खेल विश्वविद्यालय कभी भी शुरू नहीं हो सका। अब 19 फरवरी 2024 को राजस्थान की सरकार बजट पेश करेगी, और अगर इसमें खेल विश्वविद्यालय की घोषणा होती है, तो झुंझुनूं में राजस्थान का पहला सरकारी खेल विश्वविद्यालय खुल सकता है। यह विश्वविद्यालय न केवल झुंझुनूं, बल्कि सीकर, चूरू, अलवर, हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर समेत कई जिलों के खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

झुंझुनूं ने कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को देश को दिए हैं, और अभी भी कई खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर पदक जीत रहे हैं। इस खेल विश्वविद्यालय के खुलने से खिलाड़ियों में नई उम्मीद जगेगी।

साल 2024 में, वित्त मंत्री दीया कुमारी ने महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी, लेकिन यह भी अब तक केवल कागजों तक ही सीमित है। इस विश्वविद्यालय की शुरुआत कहां होगी, इसका अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है।

झुंझुनूं में खेल विश्वविद्यालय के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, और स्थानीय विधायक राजेन्द्र भाम्बू ने सरकार से इसकी मांग भी की है। दोरासर में इस विश्वविद्यालय के लिए जगह देखी जा चुकी है, और यहां के खिलाड़ियों और कोचों के लिए एक नया अवसर बन सकता है।

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