Breaking News

मास्टर प्लान विवाद: अवैध निर्माण को वैध करने में फिर जुटे अफसर

जयपुर: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद राजस्थान में 7 लाख से ज्यादा अवैध निर्माण को पेनल्टी लेकर वैध करने की प्रक्रिया फिर शुरू हो गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका के लिए नया जवाब तैयार किया जा रहा है, जिसमें अवैध हिस्सों को वैध करने की मजबूरी बताई जाएगी।

7 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी अवैध नगरीय विकास विभाग के मुताबिक, प्रदेश के बड़े शहरों में करीब 7 लाख प्रॉपर्टी अवैध निर्माण की श्रेणी में हैं। सरकार का मानना है कि इन निर्माणों को अब तोड़ना संभव नहीं है, लेकिन भविष्य में कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि अवैध निर्माण और मास्टर प्लान के विपरीत निर्माण को रोका जाए और बिना नियमों के बिजली, पानी, सीवरेज कनेक्शन न दिए जाएं।

हाईकोर्ट के पुराने आदेश

  • मास्टर प्लान के विपरीत निर्माण की अनुमति न दी जाए।
  • सेटबैक नियमों का उल्लंघन करने वाले निर्माण को वैध न किया जाए।

सरकार की दलील

  • जयपुर के इकोलॉजिकल जोन समेत 200 किमी. क्षेत्र में आबादी बस चुकी है।
  • प्रदेश में 25 किमी. खुली भूमि पर भी सरकारी अनुमति से बस्तियां बन चुकी हैं।

अफसरों की मनमानी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, 7-8 लाख अवैध निर्माण हैं, लेकिन इन्हें तोड़ना मुश्किल है क्योंकि इनमें कई लोगों की आजीविका जुड़ी है। वहीं, कुछ जगहों पर ‘पिक एंड चूज’ के तहत चुनिंदा निर्माणों पर कार्रवाई की जा रही है।

पेनल्टी लेकर वैधता निकाय और प्राधिकरण पहले भी पेनल्टी लेकर अवैध हिस्सों को वैध करते रहे हैं, जिससे अवैध निर्माण बढ़ते गए। अब फिर से इसी प्रक्रिया में अफसर जुटे हैं।

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?