मुरैना। शासकीय एक्सीलेंस स्कूल के व्याख्याता उमेश तिवारी ने राज्यपाल द्वारा दिए गए ‘राज्य शिक्षक सम्मान’ और तीन महीने की वेतन की राशि का चेक जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को वापस कर दिया है। तिवारी का कहना है कि उन्हें पिछले पांच महीनों का वेतन नहीं मिला, जबकि वे लगातार अधिकारियों से संपर्क में थे। इसके बावजूद, उन्हें केवल तीन महीने का वेतन मिला है। उन्होंने यह कदम स्कूल के प्रभारी प्राचार्य द्वारा की गई प्रताड़ना के कारण उठाया है।
व्याख्याता उमेश तिवारी ने बताया कि पिछले पांच महीनों का वेतन आहरित करवाने के लिए उन्होंने कई बार कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से पत्राचार किया था, और व्यक्तिगत रूप से भी मिले थे, लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि एक्सीलेंस के प्रभारी प्राचार्य मुकेश कुमार शांडिल्य ने द्वेषपूर्ण तरीके से उनका वेतन रोका और इसके बारे में उन्होंने तीन बार पत्र भी लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उमेश तिवारी ने 2 लाख 79 हजार 513 रुपये का चेक और राज्यपाल पुरस्कार के तहत 25,000 रुपये का चेक वापस कर दिया। उनका कहना है कि हर महीने नियमित स्वास्थ्य उपचार के लिए आकस्मिक अवकाश के आवेदन में भी प्रभारी प्राचार्य अपमानजनक टिप्पणी करते हैं।
व्याख्याता का बयान:
“प्रभारी प्राचार्य मुकेश शांडिल्य ने पांच महीने का वेतन रोक दिया है। तीन महीने का वेतन जारी किया और दो महीने का फिर से रोक दिया। लगातार प्रताड़ित किए जाने के कारण मैंने राज्यपाल द्वारा दिया गया सम्मान और तीन महीने का वेतन वापस किया है।”
डीईओ का बयान:
“व्याख्याता उमेश तिवारी को तीन महीने का वेतन दिलवाया गया है, बाकी दो महीने का जल्द निराकरण किया जाएगा। प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ शिकायत की जांच की जा रही है।”
- एस के सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी, मुरैना