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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सेड्रा इलाके में रहने वाले ग्रामीणों ने इस बार पंचायत चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मतदान केंद्र उनके गांव से 70 किमी दूर ब्लॉक मुख्यालय में बनाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण पैदल और मोटरसाइकिल से लंबा सफर तय कर मतदान करने पहुंचे।
चार पंचायतों में कड़ा मुकाबला
इस बार सेड्रा, केरपे, बड़ेकाकलेड और एडापल्ली पंचायतों में चुनाव हो रहे हैं। पहले यहां जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने जाते थे, लेकिन इस बार 13 उम्मीदवार सरपंच पद और 22 उम्मीदवार पंच पद के लिए मैदान में हैं।
मतदान के लिए लंबी यात्रा
- संतोष गुरला अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मोटरसाइकिल से मतदान करने पहुंचे।
- अन्य ग्रामीण भी रातभर सफर कर वोट डालने के लिए ब्लॉक मुख्यालय पहुंचे।
बस्तियों के लोग चुनेंगे नेशनल पार्क के सरपंच
2005 में सलवा जुडूम के समय बीजापुर और भोपालपटनम में बसे ग्रामीण इस बार अपने गांव के सरपंच को चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। पोलिंग बूथों को ब्लॉक मुख्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है, जिससे उन्हें लंबा सफर तय करना पड़ रहा है।
नक्सलियों के खौफ के बीच मतदान
9 फरवरी को टेकमेट्टा पहाड़ियों में बड़ा एनकाउंटर हुआ था, जिसमें 31 नक्सली मारे गए और 2 जवान शहीद हुए थे। इसके बावजूद ग्रामीण डर को पीछे छोड़कर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
विस्थापित पोलिंग बूथों की नई जगहें
- सेड्रा पंचायत: भोपालपटनम के शासकीय कन्या स्कूल (कक्ष क्रमांक 1 और 2)
- बड़ेकाकलेड पंचायत: कन्या स्कूल भोपालपटनम (कक्ष क्रमांक 3)
- पीलूर पंचायत: कन्या स्कूल (कक्ष क्रमांक 4)
- एडापल्ली पंचायत: स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल (कक्ष क्रमांक 1)
- पालसेगुंडी पंचायत: आत्मानंद इंग्लिश स्कूल (कक्ष क्रमांक 2)
इस बार का पंचायत चुनाव खास रहा, क्योंकि नक्सल प्रभावित इलाकों के लोग भी बढ़-चढ़कर अपने अधिकार का उपयोग कर रहे हैं।