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राजसमंद की घोषणाएं कागजों में अटकी, हकीकत में कुछ नहीं बदला

राजसमंद जिले के लिए पिछले बजट में कई योजनाओं की घोषणा हुई थी, लेकिन आज तक कोई भी योजना धरातल पर नहीं उतर पाईकहीं जमीन फाइनल नहीं हो रही तो कहीं बजट की कमी आड़े आ रही है। इससे लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं

22 साल से सिर्फ घोषणाओं में घूम रही बेड़च का नाका योजना

  • चारभुजा तहसील की बेड़च का नाका पेयजल योजना पिछले 22 साल से अधूरी पड़ी है
  • 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हीरालाल देवपुरा ने इसका शिलान्यास किया था
  • सरकारें बदलती रहीं, टेंडर जारी हुए लेकिन काम कभी शुरू नहीं हुआ
  • 2023 में फिर 60 करोड़ की घोषणा हुई, लेकिन आगे क्या हुआ, किसी को पता नहीं

खारी फीडर टेंडर में फंसा

  • राजसमंद झील को भरने वाले खारी फीडर को चौड़ा करने के लिए 150 करोड़ मंजूर किए गए थे
  • डीपीआर बनी, टेंडर निकले, 8 फर्मों ने भाग लिया, लेकिन अभी भी जांच चल रही है
  • इसका काम कब शुरू होगा, कोई नहीं जानता
  • पिछली सरकार ने 80 करोड़ की घोषणा कर शिलान्यास भी कर दिया था, लेकिन टेंडर में सिर्फ एक फर्म आने से काम नहीं हो पाया

पशु चिकित्सालय का बजट नहीं आया

  • पिछली सरकार ने जिला मुख्यालय पर बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय की घोषणा की थी
  • बाद में इसे नाथद्वारा शिफ्ट कर दिया गया, जिससे विरोध हुआ
  • अब फिर से इसकी घोषणा हुई, पद भी सृजित हो गए, लेकिन बजट अब तक नहीं आया

स्टोन मंडी की जमीन भी तय नहीं

  • पिछले बजट में स्टोन मंडी की घोषणा हुई थी
  • अब तक जमीन तय नहीं हो पाई, जिससे निर्माण का सवाल ही नहीं उठता

निष्कर्ष

राजसमंद जिले की कई घोषणाएं सिर्फ कागजों में ही घूम रही हैंकोई काम आगे नहीं बढ़ रहा, जनता सिर्फ इंतजार कर रही है। जब तक सरकार और प्रशासन गंभीरता से कदम नहीं उठाते, तब तक ये योजनाएं सिर्फ घोषणाएं ही बनी रहेंगी

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