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राजस्थान हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक जितेन्द्र कुमार गोठवाल और अन्य चार लोगों को राहत देते हुए एडीजे कोर्ट का आरोप तय करने का आदेश रद्द कर दिया। यह मामला महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा की आत्महत्या से जुड़ा था।
पुलिस जांच पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
- कोर्ट ने पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
- पहले पुलिस ने चार्जशीट में गोठवाल को आरोपी बनाया, फिर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा कि वे आरोपी नहीं हैं।
- कोर्ट ने कहा कि या तो पहली जांच गलत थी या फिर बाद की जांच बिना सबूतों के की गई।
हाईकोर्ट के निर्देश
- 9 सितंबर 2022 को ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोप तय करने का आदेश रद्द किया गया।
- लालसोट की एडीजे कोर्ट को दोबारा विचार करने के निर्देश दिए गए।
- कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि भविष्य में किसी निर्दोष व्यक्ति को जेल न भेजा जाए।
क्या था मामला?
- 29 मार्च 2022 को डॉक्टर अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी।
- एक दिन पहले, 28 मार्च को डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हुई थी, जिसके बाद डॉक्टर पर हत्या का आरोप लगा।
- स्थानीय नेताओं और लोगों ने धरना दिया, जिसके बाद डॉक्टर ने सुसाइड नोट में धमकियों और जेल जाने के डर का जिक्र किया।
- पुलिस ने विधायक जितेन्द्र गोठवाल समेत अन्य पर चार्जशीट दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि इस मामले में जल्द से जल्द नया आदेश जारी किया जाए और आवश्यकता हो तो मुकदमे की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए।