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आज के युवा जल्द से जल्द अपना मकान और कार खरीदना चाहते हैं। 25 से 40 साल की उम्र के बीच के मिलेनियल्स के लिए खुद का घर, बिजनेस और वित्तीय स्वतंत्रता सबसे बड़े लक्ष्य हैं।
लोन लेने से नहीं हिचकिचाते युवा
एक रिपोर्ट के अनुसार, 41% मिलेनियल्स 30 साल की उम्र तक अपना घर खरीदना चाहते हैं और इसके लिए लोन लेने से भी पीछे नहीं हटते। इसी वजह से लोगों की कमाई का 40% तक हिस्सा EMI चुकाने में खर्च हो जाता है।
- कम वेतन वाले लोग अक्सर दोस्तों, परिवार या अनौपचारिक कर्ज देने वाली कंपनियों से लोन लेते हैं।
- हायर मिडिल क्लास अपनी आय का सबसे बड़ा हिस्सा EMI चुकाने में लगाता है।
- मकान और कार की EMI का कुल खर्च में 39% हिस्सा होता है।
बदलती जरूरतें और खर्च करने के तरीके
- उच्च आय वर्ग के लोग अच्छी जीवनशैली, वाहन, छुट्टियों और विलासिता के सामान पर खर्च कर रहे हैं।
- कम आय वाले लोग अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा दैनिक जरूरतें और कर्ज चुकाने में लगाते हैं।
- हाई इनकम ग्रुप अपनी आय का 46% और कम इनकम ग्रुप 34% EMI पर खर्च कर रहे हैं।
युवाओं की पसंद: नौकरी या बिजनेस?
- शहरों में 60% युवा बेहतर नौकरी की तलाश में रहते हैं।
- ग्रामीण इलाकों के अधिकतर युवा खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।
- सिंगल महिलाओं में खुद का मकान खरीदने की ज्यादा इच्छा देखी गई है।
- 70% अविवाहित लड़कियां करियर ग्रोथ को प्राथमिकता देती हैं।
मिलेनियल्स के बड़े सपने
- 41% अपना मकान लेना चाहते हैं।
- 21% खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं।
- 19% वित्तीय स्वतंत्रता चाहते हैं।
अपने सपनों को पूरा करने के तरीके
- 39% बचत और निवेश से।
- 29% लोन लेकर।
- 21% अतिरिक्त आय के जरिए।
भारतीय परिवारों के खर्च का बंटवारा
- 32% रोजमर्रा की चीजों पर।
- 39% जरूरत की चीजों पर।
- 29% विलासिता के सामान पर।
रोजमर्रा के खर्च में किस चीज की कितनी हिस्सेदारी?
- 30% बिजली-पानी-गैस (यूटिलिटीज)।
- 18% राशन-किराना।
- 16% मकान किराया।
- 15% इलाज और दवाइयों पर।
- 10% पेट्रोल-डीजल और यातायात।
- 12% अन्य खर्चे।
(स्रोत: फाइब सर्वे, पीडब्ल्यूसी सर्वे)