Breaking News

रामपुर हाउंड: तेज रफ्तार और शिकार में माहिर भारतीय कुत्ते की अनोखी कहानी

भारत की अनोखी डॉग ब्रीड ‘रामपुर हाउंड’ को वर्ल्ड डॉग फेडरेशन में पंजीकृत किया गया है। यह कुत्ता बेहद तेज रफ्तार और शक्तिशाली शिकारी होता है, लेकिन अब यह नस्ल धीरे-धीरे विलुप्ति की ओर बढ़ रही है।

कैसे हुआ रामपुर हाउंड का विकास?

  • 1805 में नवाब अहमद अली खान ने इस खास नस्ल को विकसित किया था।
  • इसे इंग्लैंड के ‘ग्रेहाउंड’ और अफगानिस्तान की ‘ताजी’ नस्ल के क्रॉस प्रजनन से तैयार किया गया।
  • यह कुत्ता शेर, तेंदुए और भेड़िए जैसे खतरनाक जानवरों का भी सामना कर सकता है।
  • पहले रामपुर में 6000 से ज्यादा इस नस्ल के कुत्ते पाए जाते थे, लेकिन अब इनकी संख्या बहुत कम हो गई है।

रामपुर हाउंड की खासियत

गति: 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 5-6 किलोमीटर तक दौड़ सकता है।
शरीर: इसकी खोपड़ी छोटी, गर्दन लंबी और सीना चौड़ा होता है।
शक्ति: शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं अधिक होने के कारण यह बेहद फुर्तीला होता है।
ऊंचाई: 22-30 इंच, वजन: 23-32 किग्रा, जीवनकाल: 10-12 वर्ष।
पहचान: इसके शरीर पर अनोखी धारियां होती हैं, जिससे यह अलग नजर आता है।

2021 में मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

डॉग प्रेमी और सेवानिवृत्त इंजीनियर इरशाद अली खां ने 2021 में इस नस्ल को वर्ल्ड डॉग फेडरेशन में पंजीकृत कराया। इससे इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।

सरकार ने भी माना इसका महत्व

  • 2005 में केंद्र सरकार ने रामपुर हाउंड पर डाक टिकट जारी किया था।
  • मध्य प्रदेश पुलिस ने इसे अपने डॉग स्क्वाड में शामिल किया।
  • यह नस्ल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में भी पाई जाती है।

विलुप्त हो रही अनमोल विरासत

आज रामपुर हाउंड की संख्या बहुत कम हो गई है। पहले जैसे फुर्तीले और ताकतवर कुत्ते अब देखने को नहीं मिलते। इस अनमोल भारतीय नस्ल को बचाने के लिए सरकार और डॉग प्रेमियों को मिलकर प्रयास करने होंगे

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?