हनुमानगढ़ में कई जगहों पर सीवरेज लाइनों के ब्लॉक होने की समस्या बढ़ रही है। चैंबर ओवरफ्लो होने से बदबू फैल रही है, लेकिन सफाई का काम धीमी गति से हो रहा है।
सीवरेज सफाई में दिक्कतें क्यों आ रही हैं?
- नगर परिषद के पास जेटिंग मशीन तो उपलब्ध है, लेकिन इसे चलाने वाली एजेंसी का अनुबंध खत्म हो चुका है।
- मशीनों का संचालन फिलहाल नगर परिषद कर रही है, लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण सफाई का कार्य सही तरीके से नहीं हो पा रहा है।
- अब दोबारा अनुबंध प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जिससे भविष्य में सफाई की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।
कौन-कौन सी जगहों पर दिक्कत ज्यादा?
- चूना फाटक, नई खुंजा, सुरेशिया और अन्य कॉलोनियों में सीवरेज लाइनों के ब्लॉक होने की समस्याएं आ रही हैं।
- चैंबर के ओवरफ्लो होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
- परिषद के पास प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण जेटिंग मशीन सही तरीके से नहीं चलाई जा रही है।
सीवरेज प्रोजेक्ट पर करोड़ों का खर्च
- 150 एमएम पाइप लाइनों के साथ 1040 मकानों का सीवरेज कनेक्शन जोड़ा जा रहा है, जिस पर 77 लाख रुपए खर्च होंगे।
- सड़क मरम्मत और सीवरेज लाइन बिछाने पर 13 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- पंपिंग स्टेशन और ट्रीटमेंट प्लांट पर 27 करोड़ का खर्च आ रहा है।
- सोलर पावर से पंपिंग स्टेशन चलाने की योजना है, जिससे बिजली की बचत होगी। इस पर 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- सीवरेज पाइप बिछाने वाली कंपनी को 5 साल तक रखरखाव करना होगा, जिस पर 4.6 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
शिकायत पर हो रही सफाई
नगर परिषद के एक्सईएन अजय शर्मा के अनुसार, सीवरेज लाइनों के ब्लॉक होने पर मौजूदा संसाधनों से सफाई करवाई जा रही है। पहले जिस कंपनी को यह काम दिया गया था, उसका अनुबंध पूरा हो चुका है। अब नए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है, जिससे भविष्य में सफाई का काम सुचारू रूप से हो सकेगा।