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केशवरायपाटन: धार्मिक नगरी में स्थित मात्रा हनुमान उद्यान उपेक्षा के कारण बदहाल होता जा रहा है। दो दशक पहले तक यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल था, लेकिन नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही के कारण इसकी हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।
देखरेख की कमी से उजड़ रहा उद्यान
- पेड़-पौधों की सही देखभाल नहीं हो रही है।
- पौधारोपण तो किया जाता है, लेकिन बाद में उनकी कोई देखरेख नहीं होती।
- हर बार नवनिर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष इस स्थल के विकास का दावा करते हैं, लेकिन योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती हैं।
तालाब और मंदिर की दुर्दशा
- पौराणिक महत्व का तालाब पूरी तरह से खरपतवार से ढक गया है।
- तालाब में नाव चलाने की योजना कई बार बनी, लेकिन कभी साकार नहीं हो पाई।
- रामेश्वर महादेव मंदिर तक जाने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया है।
- पुरानी बावड़ी की मरम्मत की जरूरत है।
विद्युत व्यवस्था खराब, श्रद्धालु परेशान
- रात के समय अधिकतर इलाकों में अंधेरा पसरा रहता है।
- प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ता है।
फव्वारे टूटे, सामान गायब
- उद्यान में लगे दो फव्वारे अब पूरी तरह से खराब हो चुके हैं।
- एक फव्वारे को तो आसपास की महिलाओं ने उपले (कंडे) थापने की जगह बना लिया है।
- मंदिर परिसर में लगे पत्थर भी टूट चुके हैं, लेकिन कोई भी इनकी मरम्मत की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
प्रशासन की लापरवाही बनी समस्या
नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। अगर इसे सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण केंद्र बन सकता है।