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महाकुंभ 2025 को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि असली महाकुंभ माघ पूर्णिमा को समाप्त हो चुका था और अब तक जो आयोजन चल रहा था, वह सिर्फ ‘सरकारी महाकुंभ’ था।
शंकराचार्य का बयान
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस समय छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। बेमेतरा जिले के सपाद लक्षेश्वर धाम सलधा में आयोजित शिव महापुराण कथा एवं सवा लाख शिवलिंग प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में वे शामिल हुए।
- मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि महाकुंभ पहले ही खत्म हो चुका था और जो आयोजन अब तक चल रहा था, वह सिर्फ सरकार द्वारा किया गया महाकुंभ था।
- इससे पहले भी वे महाकुंभ की सफाई व्यवस्था और तैयारियों को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
महाकुंभ 2025 का समापन
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रयागराज में 45 दिवसीय महाकुंभ का समापन हो चुका है।
- सीएम योगी आदित्यनाथ के अनुसार, इस दौरान 66 करोड़ 21 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया।
- हालांकि, श्रद्धालुओं का पवित्र स्नान का सिलसिला अभी भी जारी है।
शंकराचार्य का संदेश
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने लिंग महापुराण की कथा सुनाई और सनातन धर्म के महत्व पर जोर दिया।
- उन्होंने कहा कि गौ हत्या पूरे देश में बंद होनी चाहिए।
- ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बताए मार्ग पर चलते हुए गंगा की निर्मलता, गौ रक्षा और सनातन संस्कृति को बचाने का संकल्प लेना चाहिए।
- उन्होंने यह भी कहा कि जो अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है, वही समय के अनुसार आगे बढ़ सकता है।
संत समागम और गंगा स्नान का महत्व
- संतों के दर्शन और गंगा स्नान से पाप, दुख और दीनता दूर होती है।
- छत्तीसगढ़ की जनता के प्रेम से प्रभावित होकर उन्होंने कहा कि वे यहां 36 पुराणों की कथा सुनाएंगे।
निष्कर्ष
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह स्पष्ट किया कि महाकुंभ का असली समापन माघ पूर्णिमा को हो चुका था और जो आयोजन बाद में चला, वह सरकारी महाकुंभ था। उन्होंने सनातन धर्म की जड़ों से जुड़े रहने और गौ रक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। 🚩