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छत्तीसगढ़ में भाजपा नेता और पूर्व पार्षद दीपक चौहान पर केस दर्ज किया गया है। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने और गाली-गलौज करने का आरोप है। वहीं, कार से शराब बरामद होने के बाद भी मामला दर्ज न करने पर दो सिपाहियों को लाइन अटैच कर दिया गया है। इससे पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
- चुनाव के दौरान शराब ले जाते समय पुलिस ने दीपक चौहान की कार रोकी।
- तलाशी में कार की डिक्की से 3 पेटी शराब मिली।
- पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए दीपक चौहान ने सिपाहियों को धमकाया और गाली-गलौज की।
- सिपाहियों ने किसी अधिकारी के कॉल आने पर मामला दर्ज नहीं किया और गाड़ी को शराब सहित छोड़ दिया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
- दो दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पुलिस टीम दीपक चौहान की कार से शराब बरामद करती नजर आई।
- वीडियो में दीपक चौहान पुलिसकर्मियों को धमकाते हुए दिखे और कहा कि अगर कार्रवाई हुई तो अंजाम ठीक नहीं होगा।
- इसके बाद भी थाने में कोई केस दर्ज नहीं किया गया था।
आईजी के आदेश पर कार्रवाई
- जब मामले ने तूल पकड़ा तो आईजी दीपक झा ने इसे गंभीरता से लिया।
- आईजी के निर्देश पर सुकुलदैहान चौकी में दीपक चौहान के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
- उन पर धारा 221 और 296 के तहत मामला दर्ज हुआ।
- वहीं, शराब मिलने के बाद भी केस न दर्ज करने पर दो सिपाहियों को लाइन अटैच कर दिया गया।
पुलिस महकमे पर उठे सवाल
- पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं कि शराब मिलने के बावजूद मामला तुरंत दर्ज क्यों नहीं किया गया?
- भाजपा नेता के दबाव में पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
- अब इस मामले में अधिकारी और पुलिसकर्मी दोनों की भूमिका पर चर्चा हो रही है।