भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बार-बार होने वाले चुनावों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय कई बार ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं, जो सिर्फ वोट पाने के लिए होते हैं। इसके अलावा, बार-बार चुनाव होने से विकास कार्य रुक जाते हैं और पैसों की भी बर्बादी होती है।
एक साथ चुनाव कराने की जरूरत
शिवराज सिंह चौहान भोपाल में “वन नेशन, वन इलेक्शन” (एक देश, एक चुनाव) पर आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हर समय चुनाव की तैयारी में सरकारें लगी रहती हैं, जिससे प्रशासनिक फैसले प्रभावित होते हैं।
क्या कहा शिवराज सिंह चौहान ने?
✔ बार-बार होने वाले चुनावों के कारण फैसले प्रभावित होते हैं और विकास कार्य रुक जाते हैं।
✔ चुनावों पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च होता है, जो अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सकता था।
✔ कई बार सरकारों को चुनाव जीतने के लिए लोकलुभावन फैसले लेने पड़ते हैं।
✔ उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए बताया कि वे झारखंड में चुनाव के लिए तीन महीने तक लगे रहे। यही स्थिति बाकी नेताओं, मंत्रियों और विधायकों की भी होती है।
निष्कर्ष:
शिवराज सिंह चौहान ने देश में एक साथ चुनाव (One Nation One Election) की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर देश में एक साथ चुनाव होते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा और इससे विकास कार्यों को तेजी मिलेगी।