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जब हम त्योहारों का आनंद लेते हैं, तब कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए यह समय मुश्किलों से भरा होता है। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के संविदा कर्मचारी पिछले छह महीनों से वेतन के बिना जीवन गुजार रहे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है, जिससे त्योहारों की खुशी फीकी पड़ गई है।
छह महीने से वेतन नहीं मिला
संविदा कर्मचारियों को अगस्त 2024 से वेतन नहीं मिला है। दशहरा, दीपावली और शिवरात्रि जैसे त्योहार बिना वेतन के बेमज़ा हो गए। अब होली भी नजदीक है, लेकिन उनकी परेशानी जस की तस बनी हुई है।
क्या है समस्या?
- 128 संविदा कर्मचारियों को अब तक वेतन नहीं मिला।
- इनमें ग्राम रोजगार सहायक, लेखा सहायक, डाटा एंट्री सहायक और कनिष्ठ तकनीकी सहायक शामिल हैं।
- मुख्य कारण एसएनए (सिंगल नोडल अकाउंट) पोर्टल की खराबी है, जिससे भुगतान रुका हुआ है।
- कर्मचारियों ने पुराने पोर्टल के जरिए वेतन देने की मांग की है ताकि वे अपनी जरूरतें पूरी कर सकें।
कर्मचारियों की गुहार
संविदा कर्मचारियों ने पंचायत समिति के विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और उच्च अधिकारियों से होली से पहले वेतन देने की अपील की।
क्या मिलेगा वेतन?
अब सवाल यह है कि होली से पहले संविदा कर्मचारियों को राहत मिलेगी या नहीं। क्या अधिकारी इस समस्या को हल करेंगे, या फिर यह कर्मचारी इसी तरह संघर्ष करते रहेंगे?