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जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत सीनेट हॉल में अब सेवानिवृत्त समारोह और शोक सभाएं नहीं होंगी। ये आयोजन अब संबंधित विभागों और कॉलेजों में अपने स्तर पर किए जाएंगे, और खर्च भी वही वहन करेंगे।
शिक्षक और छात्रों का विरोध शुरू
इस फैसले के बाद विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कई दशकों पुरानी परंपरा रही है, जिसे अब अचानक बंद कर दिया गया है।
अब तक कैसे होते थे आयोजन?
✅ हर महीने के आखिरी में सीनेट हॉल में समारोह आयोजित किए जाते थे।
✅ सेवानिवृत्त कर्मचारियों और शिक्षकों को बुलाया जाता था, उनके परिवार के लोग भी शामिल होते थे।
✅ कुलपति की ओर से उन्हें शॉल, माला और मिठाई देकर सम्मानित किया जाता था।
✅ आकस्मिक निधन होने पर सभी मिलकर शोक सभाएं भी आयोजित करते थे।
फैसले पर शिक्षकों और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
📢 “यह फैसला विश्वविद्यालय और उसके कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसे पुनर्विचार करने की जरूरत है।”
— ओम महला, प्रोफेसर, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं पूर्व सदस्य, सिंडिकेट
📢 “कई दशक पुरानी परंपरा को बनाए रखना चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन को अपना आदेश वापस लेना चाहिए। इस संबंध में ज्ञापन भी दिया गया है।”
— गोविंद सिंह, स्टाफ क्लब अध्यक्ष, राजस्थान विश्वविद्यालय, अशैक्षणिक कर्मचारी
अब आगे क्या?
शिक्षक और कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। देखना होगा कि विश्वविद्यालय अपने आदेश पर दोबारा विचार करता है या नहीं।