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बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में पिछले डेढ़ महीने से सीटी स्कैन जांच बंद है, और अब अगले दो महीने तक यह सुविधा शुरू नहीं हो पाएगी। नई सीटी स्कैन मशीन आ गई है, लेकिन उसे लगाने, बिजली और सिविल वर्क करने और स्टाफ की व्यवस्था में समय लगेगा। इस कारण करीब 2,000 मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।
मरीजों को हो रही परेशानी
- हर दिन 35-40 मरीज सीटी स्कैन जांच के लिए भटक रहे हैं।
- सबसे ज्यादा दिक्कत एक्सीडेंट के मरीजों और आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को हो रही है।
- उन्हें मजबूरी में निजी अस्पतालों या अन्य मेडिकल सेंटरों में जांच करानी पड़ रही है।
- बीते डेढ़ महीने में 1,800 से ज्यादा मरीजों को बाहर जांच के लिए जाना पड़ा।
क्यों हुई समस्या?
पहले बीएमसी में निजी फर्म की लो-क्वालिटी डबल स्लाइस मशीन से सीटी स्कैन हो रहे थे, लेकिन गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद इस फर्म का अनुबंध रद्द कर दिया गया।
- यह फर्म हर मरीज से ₹1100 वसूलती थी, लेकिन मशीन की गुणवत्ता खराब थी।
- कई बार नॉर्मल रिपोर्ट आती थी, लेकिन जब मरीज निजी सेंटरों में जांच कराते तो फ्रैक्चर सामने आ जाता था।
- पुलिस केस में भी गलत रिपोर्ट की वजह से मरीजों को न्याय नहीं मिल पाया।
दो महीने बाद मिलेगी राहत
अब बीएमसी में 160-स्लाइस की आधुनिक सीटी स्कैन मशीन आई है, जो सिर से पैर तक पूरे शरीर की स्कैनिंग मात्र एक मिनट में कर सकती है।
- यह मशीन लगने के बाद सटीक जांच होगी, इलाज में आसानी होगी, लापरवाही के मामले कम होंगे और मरीजों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा है
16 मार्च को बाहर से सीटी स्कैन कराने वाले मरीज:
- सौरभ कुर्मी (22 वर्ष, बीना निवासी)
- संजय कुर्मी (22 वर्ष, आईसीयू में भर्ती)
फैक्ट फाइल
- 45 दिनों से सीटी स्कैन बंद
- रोज 35-40 मरीजों को जरूरत
- 10 से अधिक मरीज रोज रेफर हो रहे
- 2 महीने बाद नई मशीन चालू होगी
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
डॉ. विशाल भदकारिया, मीडिया प्रभारी, बीएमसी ने बताया कि सीटी स्कैन मशीन के पार्ट्स आ चुके हैं और इंस्टॉलेशन के बाद जल्द ही यह सुविधा शुरू होगी। फिलहाल आयुष्मान कार्ड धारकों की जांच जिला अस्पताल में कराई जा रही है।