यह पांचवीं बार है जब कोई अध्यक्ष एक से अधिक कार्यकाल के लिए इस पद पर रहेगा। इससे पहले कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ ने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए थे।
बीजेपी सांसद और एनडीए के उम्मीदवार ओम बिड़ला लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने समर्थन दिया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया था।
प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा। ध्वनिमत के आधार पर ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान, पीएम मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उन्हें आसन तक लेकर गए। राहुल गांधी को हाल ही में कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है।
ओम बिड़ला के बारे में
- सबसे सक्रिय सांसद: स्पीकर के रूप में कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं।
- राजनीतिक करियर: राजस्थान के कोटा से तीन बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
- सांसदीय कार्यकाल: पहले कार्यकाल में 86% उपस्थिति, 671 प्रश्न और 163 बहसों में भागीदारी की। 2019 में दूसरी बार सांसद बनने पर लोकसभा अध्यक्ष बने।
- उपलब्धियाँ: नए संसद भवन का निर्माण, तीन आपराधिक कानून, अनुच्छेद 370 हटाना, नागरिकता संशोधन अधिनियम समेत कई ऐतिहासिक कानून पास किए।
- कड़े फैसले: 100 सांसदों का निलंबन और संसद की सुरक्षा पर सख्त फैसले लिए।
ओम बिड़ला का रिकॉर्ड
यह पांचवीं बार है जब कोई अध्यक्ष एक से अधिक कार्यकाल के लिए इस पद पर रहेगा। कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ पहले ऐसे पीठासीन अधिकारी थे जिन्होंने सातवीं और आठवीं लोकसभा में दो कार्यकाल पूरे किए थे।
राहुल गांधी चुने गए नेता प्रतिपक्ष
कांग्रेस ने मंगलवार की रात को राहुल गांधी को लोकसभा का नेता प्रतिपक्ष चुना। 16वीं लोकसभा में कांग्रेस के 44 सांसद और 17वीं में 52 सांसद थे। इस बार पार्टी के 99 सांसद जीते हैं। हालांकि, राहुल गांधी की वायनाड सीट खाली करने से यह संख्या 98 रह गई है, लेकिन यह संख्या नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए पर्याप्त है।