ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने प्रदेश में बिजली की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिजली की खरीद में भारी गड़बड़ी की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सर्दियों में उधार (बैंकिंग) की बिजली ली और गर्मियों में लौटाने का वादा किया, क्योंकि उन्हें पता था कि वे फिर से सत्ता में नहीं आएंगे। इस कारण उधार की बिजली का बोझ अब हमारे गले में है। कांग्रेस सरकार ने मोबाइल और राशन किट बांटने में बजट लगा दिया, लेकिन बिजली खरीदने के पैसे नहीं थे।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अब तक 35,234 लाख यूनिट में से 24,000 लाख यूनिट बिजली लौटा दी है, और अगले दो महीनों में 11,000 लाख यूनिट और लौटानी है।
कांग्रेस के कार्यकाल में कोयला खरीद में गड़बड़ी
ऊर्जा मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने साढ़े चार हजार करोड़ के कोयले की जगह साढ़े 18 हजार करोड़ रुपए में इम्पोर्टेड कोयला खरीदा। उन्होंने कहा कि इससे बिजली उत्पादन की लागत बढ़ गई और वर्तमान सरकार को फ्यूल सरचार्ज बढ़ाना पड़ा।
कांग्रेस सरकार की अस्थिरता और पावर प्लांट की कमी
हीरालाल नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार का अधिकतर समय होटलों में बीता और सरकार स्थिर नहीं रही, इसलिए उन्होंने एक भी पावर प्लांट नहीं लगाया। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने आते ही लॉन्ग टर्म प्लानिंग की है। शक्ति पॉलिसी के तहत 3200 मेगावाट के थर्मल और 8000 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने की निविदाएं जारी की हैं। इसके अलावा 3,325 मेगावाट कोल बेस और 28,500 मेगावाट अक्षय ऊर्जा के एमओयू भी किए हैं, जिसकी लागत करीब 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए है।