जयपुर: राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने राजस्थान को टीबी मुक्त बनाने के लिए और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने तहसील, गांव और जिला स्तर पर विशेष रूप से काम करने और अगले तीन साल में राजस्थान को पूरी तरह से टीबी मुक्त करने के लिए मिलकर प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक का स्वास्थ्य ठीक रखने की जिम्मेदारी चिकित्सा विभाग की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं वाले राज्य ही तेजी से विकास करते हैं। विशेष रूप से पिछड़े और आदिवासी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान देने और वहां डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
राज्यपाल ने चिकित्सा विभाग में खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने और समय पर पदोन्नतियां करवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का आह्वान किया और चिकित्सकों से गांव और तहसील में सेवा भाव से काम करने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए सामुदायिक और उप सामुदायिक चिकित्सालयों का नियमित निरीक्षण जरूरी है। उन्होंने मंगलवार को राजभवन में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह बातें कहीं। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने बैठक में राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली और टीबी मुक्त राजस्थान के लिए प्रभावी कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारने और शिक्षा का पाठ्यक्रम हिंदी में भी प्रारंभ करने पर विचार करने की बात कही।
बैठक में विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह और राज्य स्वास्थ्य मिशन के निदेशक जितेंद्र कुमार सोनी ने विभाग की गतिविधियों पर प्रस्तुति दी। राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने भी राजस्थान की चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं पर अपने विचार रखे।