मलेरिया के खिलाफ एक नई वैक्सीन ने गर्भवती महिलाओं को इस खतरनाक बीमारी से बचाने में अच्छे नतीजे दिखाए हैं। यह दावा यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने किया है।
मलेरिया: एक खतरनाक बीमारी
मलेरिया एक परजीवीजनित बीमारी है, जो मुख्य रूप से एनाफिलीज़ मच्छरों के माध्यम से फैलती है। इसमें प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) नामक परजीवी शामिल होते हैं। यह बीमारी सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन गर्भवती महिलाएं, शिशु और छोटे बच्चे खासतौर पर इस बीमारी के गंभीर खतरे में रहते हैं।
अफ्रीका में मलेरिया के कारण मातृ मृत्यु और मृत-जन्म
अफ्रीका में मलेरिया के कारण हर साल लगभग 50,000 माताओं की मृत्यु और 200,000 मृत-जन्म होते हैं। यह बीमारी गर्भावस्था के दौरान परजीवियों की उपस्थिति के कारण होती है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक है।
पीएफएसपीज़ेड वैक्सीन: एक नई उम्मीद
पीएफएसपीज़ेड वैक्सीन, जिसे अमेरिकी बायोटेक कंपनी सानेरिया ने विकसित किया है, मलेरिया के जीवन-चक्र के एक चरण पर आधारित है। यह वैक्सीन न केवल प्रभावी है, बल्कि इसके लिए बूस्टर डोज की भी जरूरत नहीं होती, जो इसे अन्य मलेरिया वैक्सीनों से अलग बनाती है।
ट्रायल का विवरण
इस वैक्सीन के ट्रायल में 18 से 38 वर्ष की 300 स्वस्थ महिलाओं को शामिल किया गया, जो जल्द ही गर्भवती होने की योजना बना रही थीं। इन्हें मलेरिया से मुक्त करने के लिए पहले दवा दी गई और फिर एक महीने के अंतराल पर तीन इंजेक्शन दिए गए। कुछ महिलाओं को प्लेसिबो और अन्य को वैक्सीन की दो अलग-अलग खुराकें दी गईं।
मलेरिया वैक्सीन की प्रभावशीलता
शोधकर्ताओं के अनुसार, वैक्सीन की दोनों खुराकों ने परजीवी संक्रमण और मलेरिया से महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान की, जो बिना बूस्टर डोज के दो साल तक बनी रही। अध्ययन के दौरान 55 महिलाएं गर्भवती हुईं, जिनमें वैक्सीन की प्रभावशीलता 65 प्रतिशत (निम्न खुराक) और 86 प्रतिशत (उच्च खुराक) पाई गई।
परिणामों की समीक्षा
दो वर्षों में, कुल 155 महिलाएं गर्भवती हुईं। निम्न खुराक वाली वैक्सीन की प्रभावशीलता 57 प्रतिशत और उच्च खुराक वाली वैक्सीन की 49 प्रतिशत रही। हालांकि, वैक्सीन पाने वाली महिलाओं ने प्लेसिबो पाने वाली महिलाओं की तुलना में जल्दी गर्भधारण किया, लेकिन यह अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं था।
प्रारंभिक गर्भावस्था नुकसान की रोकथाम
शोधकर्ताओं का मानना है कि पीएफएसपीज़ेड वैक्सीन प्रारंभिक गर्भावस्था में नुकसान को रोकने में मदद कर सकती है, क्योंकि यह गर्भाधान-पूर्व अवधि में परजीवियों के जोखिम को 65 से 86 प्रतिशत तक कम करती है।
भविष्य की संभावनाएं
शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर इन नतीजों की पुष्टि आगे के क्लीनिकल ट्रायल से होती है, तो यह मलेरिया से बचाव के नए और बेहतर तरीके खोल सकता है, खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए।