झुंझुनूं: मंड्रेला मार्ग पर अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत उपभोक्ताओं को फ्लैट दिए जाने थे, जिसके लिए उपभोक्ताओं से पैसे जमा करवा लिए गए थे। इस प्रोजेक्ट का दावा था कि 30 नवंबर 2017 तक फ्लैट तैयार कर दिए जाएंगे। अब 2024 चल रहा है, लेकिन अधिकांश उपभोक्ताओं को अभी भी फ्लैट नहीं मिले हैं।
संपत्ति कुर्क की गई
नगर परिषद द्वारा उपभोक्ताओं को फ्लैट नहीं दिए जाने पर जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश पर नगर परिषद की संपत्ति कुर्क कर दी गई है। तहसीलदार सुरेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में डाइट कार्यालय के सामने स्थित 3.60 हेक्टेयर जमीन कुर्क की गई है। यह जमीन नीलाम कर उपभोक्ताओं को अवार्ड राशि दी जाएगी।
कोर्ट का आदेश
मामले में 97 उपभोक्ताओं ने कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद नगर परिषद ने ना तो उपभोक्ताओं को फ्लैट दिए और ना ही पैसे लौटाए। इसके बाद उपभोक्ता आयोग ने नगर परिषद को अवार्ड राशि जमा करने के लिए कहा था। आदेश की पालना न होने पर कुर्की की कार्रवाई की गई।
कुर्की की कार्रवाई
जिला उपभोक्ता आयोग ने नगर परिषद से अवार्ड राशि वसूलने के लिए जिला कलक्टर को कुर्की वारंट जारी किया। इसके तहत जमीन कुर्क कर ली गई और अब उसे नीलाम कर राशि वसूल की जाएगी। एसडीएम ने 15 दिनों में कुर्कशुदा जमीन की नीलामी का आश्वासन दिया है।
मामला क्या है?
यह मामला झुंझुनूं के मंड्रेला मार्ग पर अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट का है, जहां उपभोक्ताओं से पैसे तो ले लिए गए, लेकिन 2017 के बाद भी फ्लैट नहीं मिले। उपभोक्ताओं ने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद 2020 में सेवानिवृत्त जस्टिस ने नगर परिषद के पक्ष में 26 करोड़ 6 लाख 70 हजार रुपए की वसूली का आदेश जारी किया।