जोधपुर में इस साल का पहला कांगो फीवर का मामला सामने आया है, जिसमें नांदडा कला गांव की एक महिला की अहमदाबाद में मृत्यु हो गई है। महिला को 30 सितंबर को तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे अहमदाबाद ले जाया गया, जहां सैंपल जांच में कांगो फीवर की पुष्टि हुई। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।
क्या है कांगो फीवर?
कांगो फीवर एक विषाणु जनित रोग है, जो हिमोरल नामक परजीवी से फैलता है। यह परजीवी घर पर पाले जाने वाले जानवरों जैसे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि की चमड़ी पर पाया जाता है। इस वजह से इन जानवरों के संपर्क में आने वाले लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह बीमारी काफी जानलेवा होती है, क्योंकि इसके संक्रमण के 30 से 80 प्रतिशत मामलों में मरीज की मृत्यु हो जाती है।
लक्षण:
कांगो फीवर होने पर मरीज को तेज बुखार, आंखों में जलन, रोशनी से डर, चक्कर, और मांसपेशियों में दर्द होता है। इसके अलावा पीठ दर्द, उल्टी, और गले में खराश जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इस दौरान मरीज के खून में प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगते हैं, जो कि स्थिति को और गंभीर बना देता है।