बीकानेर – इस बार मूंगफली, जिसे गरीब का मेवा कहा जाता है, किसानों और व्यापारियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है। पिछले साल गोटे में टिक्की के दाग और खराब गुणवत्ता के कारण विदेशों में मूंगफली की मांग में गिरावट आई थी। लेकिन इस साल गोटा साफ है और गुणवत्ता भी अच्छी है, जिससे देश-विदेश में बीकानेरी मूंगफली की अच्छी मांग बनी रहेगी।
बीकानेर की अनाज मंडी, जो राज्य की सबसे बड़ी मूंगफली मंडी है, इस साल 1.25 करोड़ बोरी से ज्यादा की आवक का रिकॉर्ड बना सकती है। पिछले दो साल में एक करोड़ बोरी का कारोबार हुआ था, जो अपने आप में एक इतिहास था। अभी किसान खेतों में मूंगफली निकालने में लगे हुए हैं। ताजे माल में नमी ज्यादा होने से भावों में थोड़ा असर दिख रहा है।
बीकानेर मंडी में प्रतिदिन 4 हजार बोरी मूंगफली की आवक हो रही है। अच्छी क्वालिटी की सूखी मूंगफली के भाव 7,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं, जो सरकारी समर्थन मूल्य 6,783 रुपये से ऊपर है। हालांकि, नमी वाली और काली मूंगफली के भाव 5,500 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास ही हैं।
सरकारी खरीद का असर
व्यापारियों का मानना है कि अगर सरकारी खरीद शुरू हो जाती है, तो दीपावली के समय बंपर आवक के बावजूद भाव 7,000 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर ही रहेंगे। इससे किसानों, व्यापारियों और तेल मिल मालिकों सभी को फायदा होगा। अगर विदेशों से डिमांड बढ़ती है, तो भावों में और इजाफा हो सकता है।
क्वालिटी बेहतर है
इस बार मूंगफली की गुणवत्ता पिछले साल की तुलना में बेहतर है। अच्छी बरसात और कुएं के पानी से मूंगफली की फसल पकी है, जिससे गोटे की क्वालिटी अच्छी बनी हुई है।