Breaking News

रबी सीजन: गेहूं की MSP से पहले बीज के दाम 800-1000 रुपए तक बढ़े, किसानों में चिंता

इस साल सरकार गेहूं को 2425 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। हालांकि, मंडी में गुरुवार को गेहूं का भाव 3149 रुपए प्रति क्विंटल रिकॉर्ड किया गया, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से 724 रुपए अधिक है। बोवनी शुरू हो चुकी है और दिवाली के बाद इसमें तेजी आने की उम्मीद है। बाजार में गेहूं और चने के बीजों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। किसानों का कहना है कि बीज के दाम पिछले साल की तुलना में 800-1000 रुपए तक बढ़ गए हैं।

एमएसपी और बाजार भाव में 750 रुपए का अंतर इस सीजन में करीब 2.10 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोवनी की उम्मीद है, जिससे प्रति हेक्टेयर 15-20 क्विंटल उत्पादन हो सकता है। पिछले साल 1.90 लाख हेक्टेयर में बोवनी हुई थी और 28 लाख क्विंटल से अधिक उत्पादन हुआ था। उस समय न्यूनतम भाव 2225 रुपए प्रति क्विंटल था। हालांकि, मंडी में ज्यादातर किसानों को बाजार से बेहतर दाम मिले थे। इस साल सरकार ने 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, लेकिन बाजार में भाव और समर्थन मूल्य में 750 रुपए का अंतर है।

किसानों की लागत और उत्पादन की चिंता किसानों का कहना है कि अच्छे किस्म के गेहूं की कीमत बाजार में 8000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। रिसर्च बीज के नाम पर 40 किलो का कट्टा 3200 रुपए में बेचा जा रहा है, जबकि पिछले साल इसकी कीमत 2000-2200 रुपए थी। किसानों के अनुसार, एक हेक्टेयर में गेहूं उगाने पर 30-35 हजार रुपए की लागत आती है, जबकि उत्पादन केवल 20 क्विंटल तक हो सकता है। यदि उत्पादन ठीक हुआ, तो समर्थन मूल्य के हिसाब से 48,500 रुपए की आय होगी, लेकिन कम उत्पादन पर यह भी नहीं मिल पाएगा।

पिछले साल तुषार रोग से हुआ था कम उत्पादन पिछले साल गेहूं की फसल पर तुषार रोग लगने से बालियां काली पड़ गई थीं, जिससे उत्पादन कम हो गया था। इस बार गेहूं की तीन नई वैरायटी बाजार में आई हैं और 40 किलो के कट्टे की कीमत 2900-3200 रुपए तक पहुंच गई है। किसानों का मानना है कि समर्थन मूल्य को मंडी के भाव के अनुसार बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि उनकी लागत पूरी हो सके।

बीज के दाम में भारी बढ़ोतरी रोशनी गांव के किसान नेहरू पटेल का कहना है कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में सिर्फ 150 रुपए की बढ़ोतरी की है, लेकिन बीज के दाम पांच गुना बढ़ गए हैं। पिछले साल जो बीज 2200-2500 रुपए में मिल रहा था, वह इस साल 3000-3200 रुपए तक बिक रहा है। इसी तरह मोकलगांव के किसान शहीद का कहना है कि समर्थन मूल्य से लागत नहीं निकल रही है। महंगे बीजों की वजह से उन्होंने बीज नहीं खरीदे और पिछले साल का ही बीज बोने का फैसला किया है।

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?