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इस दिवाली सिर्फ घर ही नहीं, पर्यटन भी रौनक से भरा होगा। धार्मिक पर्यटन में खासा इजाफा देखा जा रहा है। अयोध्या में 11 करोड़ से ज्यादा लोग इस साल पहुंचे हैं। दिवाली के दौरान पर्यटन में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है।
धार्मिक पर्यटन में तेजी अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से धार्मिक पर्यटन में जबरदस्त उछाल आया है। वाराणसी और उज्जैन जैसी जगहों पर भी दिवाली के समय बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। कई लोग पहले से ही योजना बना रहे हैं कि दिवाली की छुट्टियां धार्मिक स्थलों पर कैसे बिताएं।
उत्तर प्रदेश बना धार्मिक पर्यटन का केंद्र उत्तर प्रदेश में इस साल की पहली छमाही में 32 करोड़ 98 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं। इनमें से अधिकांश लोग अयोध्या और वाराणसी जैसे धार्मिक स्थलों पर गए। अयोध्या में दिवाली के खास महत्व को देखते हुए यहां की बुकिंग दिसंबर तक फुल हो चुकी है।
अयोध्या की दिवाली खास क्यों? दिवाली के दिन भगवान श्रीराम वनवास से लौटे थे, इसी दिन को अयोध्या में धूमधाम से मनाया जाता है। यहां सरयू नदी के तट पर लाखों दीयों से दीपोत्सव मनाया जाता है।
धार्मिक पर्यटन की बढ़ती मांग 2019 के बाद से, एक साल में तीन से ज्यादा यात्राएं करने वालों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। धार्मिक पर्यटन में 2021 की तुलना में 2023 में 97 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। खासकर अयोध्या, उज्जैन, केदारनाथ, और बद्रीनाथ जैसे धार्मिक स्थलों पर सर्चिंग में भारी इजाफा देखा गया है।
दिवाली पर घूमने की अन्य जगहें:
- वाराणसी: आध्यात्मिक नगरी में देव दीपावली खास आकर्षण है।
- कोलकाता: यहां दीपावली पर काली पूजा खास होती है।
- अमृतसर: स्वर्ण मंदिर की रौनक दिवाली के मौके पर देखने लायक होती है।
- पुष्कर: ऊंट मेले के लिए प्रसिद्ध है।
- जयपुर: गुलाबी नगरी दिवाली पर पूरी तरह सज जाती है।
- चित्रकूट: भगवान राम ने वनवास के 11 वर्ष यहीं बिताए थे।
- मदुरै: दक्षिण भारत की दिवाली अपने अलग अंदाज में मनाई जाती है।
इन धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर दिवाली के समय घूमने का अलग ही आनंद है।